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Sunday, January 19, 2025

सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर सकता है गायत्री, दो आरोपी नोएडा से गिरफ्तार!

लखनऊ । गैंगरेप और यौनशोषण के आरोप में घिरा सपा का मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर सकता है। यूपी एसटीएफ में नोएडा से अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को गिरफ्तार किया है। बता दें कि गायत्री के गनर चंद्रपाल को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद गायत्री की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ और पुलिस लगी हुई है लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। अब ऐसे में अगर गायत्री कोर्ट में आत्मसमर्पण करता है तो पुलिस की चौकसी और हाईटेक होने पर सवाल उठेगा कि पुलिस ने उसे ढूंढ क्यों नहीं पाया, फिलहाल पुलिस गायत्री की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी और सर्च अभियान चलाकर गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।

यह है पूरा मामला
बता दें कि परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत 7 लोगो के खिलाफ लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में रेप, गैंगरेप और नाबालिग के साथ रेप के प्रयास का मामला दर्ज है। सत्ता के प्रभाव से मामले में पुलिसिया कार्रवाई कछुए की चाल की तरह चल रही है। हालांकि एडीजी एलओ का कहना है कि मामले में पीड़ितों के बयान और सभी जरुरी साक्ष्य जुटाने पर ही अंतिम कार्रवाई की जाएगी। एडीजी यह बातें मंत्री गायत्री की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कहीं। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचक सीओ आलमबाग अमिता सिंह द्वारा पीड़िता का 164 सीआरपीसी के तहत न्यायालय में कलमबद्ध बयान हों चुका है। पीड़िता की बेटी के बयान के लिए विवेचक की टीम दिल्ली गई थी जहां उसका बयान दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, गायत्री और उनके साथ इस केस में आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बयान और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि इस मामले में चित्रकूट जिले की एक पार्षद ने मंत्री गायत्री समेत उनके गुर्गों पर सामूहिक बलात्कार के साथ ही बेटी के साथ भी यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इस मामले की शिकायत पीड़िता ने जनपद स्तर से लेकर सूबे के पुलिस अधिकारियो से की थी लेकिन मंत्री के दबाव के चलते आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था। हालांकि इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच चल रही थी। लेकिन इस जांच से महिला संतुष्ठ नहीं थी। इसके चलते आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट की मदद लेनी पड़ी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाईं थी इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इस आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने विधिक राय लेने के बाद मौजूदा परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 डी महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
गायत्री की गिरफ्तारी ना होने से कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट भी जारी कर दिए हैं। पुलिस गायत्री की गिरफ्तारी के छापेमारी भी कर रही है।
लेकिन गायत्री अंडर ग्राउंड हैं उनका पुलिस नहीं लगा पर रही है।

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