शमी खान
उप कृषि निदेशक सहित अन्य अधिकारी रहे बैठक में मौजूद
उन्नाव 09 सितम्बर । परम्परागत कृषि विकास योजना एवं नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत यूपी डास्प द्वारा जनपद में जैविक खेती योजना का कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। योजना में जनपद के गंगा नदी के किनारे के 08 विकास खण्ड के 64 राजस्व ग्रामों में जैविक खेती का कार्यक्रम सम्पादित किया जा रहा है। योजनान्तर्गत कार्यो की समीक्षा हेतु 09 सितम्बर 2020 को जिला स्तरीय प्रबन्धकीय समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ राजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि बायोसर्ट जनपद प्रभारी ने अवगत कराया कि योजनान्तर्गत 20-20 हेक्टेयर के 80 क्लस्टर बनाये गये है। जिसमें से 77 क्लस्टर की पी0जी0एस0 पोर्टल पर इन्ट्री कर दी गयी है। मृदा परीक्षण के लिये 574 मृदा नमूनें एकत्र किये गये , 62 क्लस्टर में 1100 हे0 में जैविक खेती खरीफ 2020 के क्राप प्लान के अनुसार कराये जा रहें है। जैविक खेती के अन्तर्गत तिल की खेती, मूंगफली, धान, उर्द, मूंग, बाजरा व सब्जी की खेती किसानों द्वारा की जा रही है। किसानों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र आदि जैविक उर्वरक एवं बायोपेस्टीसाइड के बारे में जानकारी प्रशिक्षण देकर कार्य कराया जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी ने जिला परियोजना समन्वयक यूपी डास्प एवं बायोसर्ट के प्रभारी को निर्देशित किया कि वह कृषकों को योजनान्तर्गत देय सुविधायंे उपलब्ध करायें और किसानों द्वारा जैविक उत्पाद के विपणन के लिये अभी से जागरूकता फैलाकर गोष्ठी का आयोजन कराकर इस तरह की व्यवस्था की जायें की कृषकों का जैविक उत्पाद सामान्य बिक्री मूल्य से 15-20 प्रतिशत से अधिक कीमत पर लखनऊ, कानपुर में जाकर व्यापारी व उपभोक्ताओं द्वारा क्रय कर लिया जाये। उत्पादन के साथ विपणन की सुदृढ व्यवस्था होने से जैविक खेती में किसानों को लाभ होगा और वह जैविक खेती के लिये दूसरे कृषकों को भी प्रेरित करके, जैविक खेती करा पायेंगे। जैविक खेती मानव स्वास्थ्य के लिये और सभी जीव-जन्तुओं के लिये लाभप्रद है।
बैठक में उप कृषि निदेशक, जिला विकास अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, उपनिदेशक सचूना, भूमि संरक्षण अधिकारी(ऊ0), सपोर्ट एजेन्सी बायोसर्ट इन्टरनेशनल के प्रदेश प्रभारी, यूपी डास्प के सहायक लेखाधिकारी, उद्यान निरीक्षक, जिला प्रभारी बायोसर्ट आदि उपस्थित रहें।