सीतापुर”ब्यूरो रिपोर्ट-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री की गड्ढा मुक्त रोड अभियान दिखी फेल. सीतापुर के खैराबाद से लगा के नैमिषारण्य तक रोड की खस्ता हालात बयां कर रही है सरकारें आती रही जाती रही मगर सब के दावे दिखे फेल । आपको बताते चलें खैराबाद से मछरेहटा तक मछरेहटा से नैमिषारण्य तक पूरी रोड जर्जर पड़ी हुई है आये दिन एक्सिडेंट जैसी घटनाए होती रहती है मगर सरकार के कानों जूं तक नही रंगती है जिसको लेकर काफी ग्रामीणों में आक्रोश भी है।
अगर एमरजेंसी में किसी मरीज को ले जिला हास्पिटल ले जाया जाए तो वह जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि इस रोड की इतनी हालत खस्ता है कि उस मरीज की रास्ते में ही दम टूट जाएगी 2015 में यह रोड का निर्माण हुआ था 2015 से ही बनने के बाद यह रोड टूट कर बिखरने लगी आज इस रोड की ऐसी हालत हो गई है कि कोई भी नैमिषारण्य तक इस रोड से नहीं जा पा सकता अगर बात की जाए राजनैतिक दलो की कई विधायक कई मंत्री और सांसद इस रोड होकर गुजरते हैं मगर इस रोड पर किसी का ध्यान नहीं जाता है और इस रोड पर अपनी अपनी राजनीतिक की रोटियां सेकते नजर आ रहे हैं।
इसके पूर्व में जब इस मछरेहटा से खैराबाद रोड का निर्माण हुआ था जर्जर होने के बाद इस पर पूर्व विधायक रामपाल राजवंशी ने एक बोर्ड लगाया था जिस पर लिखा था यह सांसद निधि से निर्माण कराया गया है क्योंकि इलेक्शन का टाइम था तो उन्होंने अपना पल्ला इस रोड से झाड़ लिया जिसके बाद में मिश्रिख विधानसभा से बीजेपी के कैंडिडेट रामकृष्ण भार्गव ने जीत हासिल की जीतने के बाद अपने दावे भूल गए न पब्लिक का ध्यान रहा नाही इस रोड से पर्यटन स्थल व धार्मिक स्थल नैमिषारण्य का ध्यान रहा यह ऐसा धार्मिक स्थल है जो कि विश्वविख्यात है इसका वर्णन पुराणों में ग्रंथों में है मगर सभी अधिकारी और राजनेता इस पर बिल्कुल ध्यान ही नहीं देते हैं यह रोड खैराबाद से नैमिषारण्य को जोड़ती है लगभग यहां पर 10 लाख से ज्यादा पब्लिक इस रोड से गुजरती है वहीं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ शपथ लेने के बाद रोड गड्ढा मुक्त अभियान चलाया था वह अभियान इस रोड के लिए लागू नहीं की गई यह मार्ग उनके कर्मचारियों अधिकारियों को दिखाएं नहीं दिया इस रोड का एक भी गड्ढा नहीं मुक्त किया गया