सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अमरेंद्र पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जंनपद सीतापुर के थाना रामपुर कलां तहसील व ब्लाक बिसवां जनपद सीतापुर के द्वारा नाली के निर्माण में बहुत जबरदस्ततरीके से सरकारी धन का दुरुप्योग किया जा रहा है।इसकी जानकारी जैसे ही अब तक टीवी न्यूज चैनल की टीम को हुई।तो टीम के स्थानी रिर्पोटर अमरेन्द्र कुमार मौके पर पहुँच कर निरीक्षण किया।निरीक्षण में लगने वाली ईंट पीला पायी गयी।तथा घटिया किस्म का मसाला पाया गया।उसके बाद ग्राम प्रधान सुमेरी लाल को फोन करके मौके पर बुलाया गया। मगर प्रधान मौके पर नहीं पहुँचा।
और यह कह कर टाल दिया कि मैं बाहर हूँ।मैं शाम तक वापस आ पाऊँगा। इतना कह कर प्रधान ने फोन काट दिया।उसके बाद टीम ने मौके पर काम कर रहे मिस्त्री से पुंछ तांछ शुरू की तो मिस्त्री ने बताया कि हमको काम करने से मतलब है।बाकी हमसे कोई चीज से मतलब नहीं है।प्रधान के द्वारा जैसा मटेरियल दिया जायेगा हम उसको इस्तेमाल करेंगे।टीम मिस्त्री की बाईट ले ही रही थी। कि तब तक वहाँ पर पहले से मौजूद साईकल वाले से बात कर रहा एक व्यक्ति आया।
अभ्दद्रता करने लगा। तथा छीना झपटी करते हुए टीम के सदस्य का मोबाईल भी खराब हो गया। तथा एक टेश्टेड चश्मा छतिग्रस्त हो गया।मोबाईल की कीमत लगभग 8000 हजार रूपये की थी तथा चश्मे की कीमत 1000 हजार रूपये की थी।उसको देख कर एक लेबर जोकि बन रही नाली के पास गैंती लिये बैठा था वह आ गया।और भद्दी भद्दी गालियाँ देते हुए गैंती लेकर टीम पर हमला करने के लिए आगे को बढ़ा।जैसे ही वह आगे बढ़ा तो दूसरे व्यक्ति ने उसे रोकर कहा कि यह लोग मीडिया से हैं।क्यों अपने को बे मतलब परेशानी में डाल लेना चाहते हो।इन लोगों की सुनवायी हर जगह पर है।तुम्हारी सुनवायी नहीं होगी।तुम गलत कर रहे हो।तुम तो लेबर हो दूसरे के चक्कर में क्यों फसना चाहते हो। चलो अपना काम करो।खराब व गड़बड़ मटेरियल प्रधान दे रहा है। तो तुमसे क्या मतलब है।फंसेगा प्रधान जवाब देगा प्रधान तुम क्यों बीच में हस्तक क्षेप क्यों कर रहे हो।जैसे तैसे मौके की नजाकत समझते हुए टीम ने किसी तरह अपनी जान बचाते हुए थाना रामपुुर कलां के लिए वहाँ से निकली ही थी। कि रास्ते में थानाध्यक्ष रामपुर कलां से मुलाकात हो गयी।मुलाकात होते ही टीम ने घटना की पूरी जानकारी दी।पूरी जानकारी होने के बाद थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि आप लोग प्रार्थना पत्र दो मैं आकर देख लूंगा।फिर क्या था ग्राम प्रधान का फोन आना शुरू हो गया।कि आप कहाँ पर हैं।
मैं वहीं आ जाता हूँ।
तो टीम ने कहा थाने को आईये वहीं मिलेंगे।प्रधान 15 से 20 मिनट में थाने के पास आ गया।और हाथ पाँव जोड़ने लगा।और माफी भी मांगने लगा।
तब टीम के सदस्य ने कहा कि प्रधान जी आपने कुछ नहीं किया है।आपसे कोई मतलब नहीं है।
उस व्यक्ति को यहाँ बुलाओ जिसने हम लोगों से अभद्र व्वहार किया है।वह आकर माफी माँग ले तो हम लोग माँफ कर देंगे।
तबसे लेकर आज तक प्रधान के द्वारा आश्वासन ही दिया जा रहा है।कि कल आऊँगा परसों आऊँगा। इस हफ्ते आऊँगा या अगले हफ्ते आऊँगा।
मगर अभी तक प्रधान उस व्यक्ति को लेकर नहीं आया है।
जबकि टीम ने थाने में प्रार्थना पत्र उसी दिन दे दिया था।बड़े मजे की बात यह है।
कि लगभग हर थाने के पास कोई न कोई व्यक्ति प्रार्थना पत्र लिखने वाला बैठता है।
प्रार्थना पत्र देने वाला या वाली अपनी पूरी बात या पूरी घटना के बारे में बताता है।
मगर लिखने वाला व्यक्ति वही लिखता है।
जितना थाने से बताया जाता है।
यह जानकारी टीम को तब हुई जब टीम ने गैंती लिए हुए व्यक्ति की बात उस प्रार्थना में लिखने वाले व्यक्ति को बतायी।तो उस व्यक्ति ने कहा हम यह शब्द नहीं लिख सकते।
तो टीम ने कहा क्यों नहीं लिख सकते तो उस व्यक्ति ने कहा मुझे थाने से आदेश नहीं है।
इस तरीके से लिखने का।
जबकि फोन पर प्रधान ने कहा था कि मैं शाम तक घर पहुँचूँगा। फिर प्रधान इतनी जल्दी कैसे थाना रामपुर कलां के पास आ धमका।यह जाँच का विषय है।