सीतापुर-अनूप पाण्डेय, मनीष मिश्रा /NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के तंबौर ,रेउसा रामपुर मथुरा सहित बारिश शुरू होने के साथ ही घाघरा नदी की लहरे हिलोरे मारने लगी हैं। उफनाती लहरों से तटीय गांवों के लोग सहमे हैं। कारण, अब तक स्टड निर्माण का कार्य करीब साठ फीसदी ही हो सका है। बारिश होने से नदी का जलस्तर बढ़ने से स्टड पर खतरा मंडराने लगा है।
बाढ़ की स्थिति में अधूरा स्टड निर्माण उफनाई लहरों को रोक पाने में कितना कारगर साबित होगा, इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। विकासखंड रामपुर मथुरा के अंतर्गत घाघरा नदी के मुहाने पर बसे शुकुल पुरवा, फतेपुरवा, अंगरौरा आदि गांवों को बाढ़ व कटान से बचाने के लिए स्टड निर्माण परियोजनाएं संचालित है।
इसके लिए धन आवंटित कर कार्य को बाढ़ से पूर्व पूरा करने के निर्देश शासन से दिए गए थे। इसके उलट अफसरों की लापरवाह व सुस्त कार्यशैली से परियोजना अभी तक अधूरी है। यहां के बाशिंदों का कहना है कि जिस रफ्तार से कार्य किया जा रहा है। उससे नदी के कटान का रुकना मुमकिन नहीं है। अभी तक परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत काम ही हो सका है। अनेक स्थानों पर अभी तक जियो बैग नहीं भरे जा सके है। पहाड़ों पर होने वाली भारी बारिश और जिले में मानसून के दस्तक देने से घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। बचाव के लिए बनाए गए कई स्टडों पर जल वृद्धि होने से पानी चढ़ जायेगा। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के अधिकारी इस कार्य को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लिहाजा, बाढ़ व कटान की संभावना से तटीय गांवों के बाशिंदे भयभीत हैं।