सीतापुर-अनूप पाण्डेय,रोहित त्रिपाठी/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में जहाँ एक तरफ सूबे की सरकार भ्रस्टाचार को मिटाने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही हैं सरकार व प्रशासन के द्वारा गन्ना माफियाओ पर कार्यवाही करते हुए सभी जिलो के गन्ना माफियाओं को जिला बदर रासुका इत्यादि संगीन धाराओं में मुकदमा लिख उनपर कार्यवाही कराने की बात कही गयी !इसी क्रम में सीतापुर जिले में 256 गन्ना माफियाओ को ब्लैक लिस्टेड करते हुए जिला बदर रासुका लगाने की बात कही गयी। लेकिन उनके आदेशो का महत्व सिर्फ कागजों पर ही देखने को मिला। सीतापुर जनपद के संदना थाना क्षेत्र स्थित डालमिया गन्ना चीनी मिल में गन्त दलाली में चिन्तहीत माफियाओ( गन्ना दलाल) व क्षेत्र के विधायक,सम्मानित नागरिकों को बुलाकर चीनी मिल के उद्घाटन कर पेराई सत्र की शुरुवात फीता काटकर की गई। माफिया सूची में शामिल बबलू अवस्थी, उमेश पांडेय,लक्ष्मी,रामसिंह आदि सभी गन्ना माफिया जो चिन्हित किये गए थे उन्ही के द्वारा फ़ैक्टरी का सुभारम्भ कराया गया।मिल प्रसासन की इस कार्यशैली की चर्चाएं आम हो गयी। जिला प्रशासन के बिरुद्ध गन्ना माफिया को उक्त कार्यक्रम में बुलाना कई सारे प्रश्नचिह्न लगते हैं। रामगढ़ के चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक यू के पाठक गन्ना माफियाओ के इर्द गिर्द चापलूसी करते हुए दिखे। मिल के अधिकारियों को सरकार व प्रशासन के नियमो की कोई परवाह ही नही है अगर मिल के अधिकारी ही ऐसे ही गन्ना माफियो को मिल में बुलाकर उन्ही के द्वारा पेराई सत्र की सुरुवात करने व आवभगत जैसे कार्य करते रहेंगे तो तो लाखो रुपये खर्च करके केवल आमजन मानस से गन्ना दलालों के भय कबं समाप्त होगा। क्या ऐसे में सरकार के द्वारा चलाया जा रहा अभियान भृस्टाचार मुक्त भारत सफल हो पायेगा ।