सीतापुर-अनूप पाण्डेय-राकेश पाण्डेय/NOi-
हरगांव (सीतापुर) ग्राम विकास अधिकारी आलोक गोस्वामी के ऊपर बडे पैमाने पर भृष्टाचार के आरोप ग्राम प्रधानो ने लगाये हैं। तीस प्रतिशत अग्रिम कमीशन ले लेने के बाद ही दी जाती है विकास कार्यों को मन्जूरी । अग्रिम कमीशन के चक्कर में ग्राम प्रधानों ने विकास कार्य बन्द करा दिये हैं। ग्राम प्रधान बुढानपुर आशियाना बानो,ग्राम प्रधान भीखपुर गोकुल प्रधान राही रेशमा देबी आदि ने आरोप लगाया कि ग्राम विकास अथिकारी आलोक गोस्वामी के रवैये से तृस्त होकर ग्राम विकास अधिकारी को हटाकर उनके कार्यों की जांच कराने व दोषी पाये जाने की दशा में इनके विरुद्घ कार्यवाही करने के लिये खण्ड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी ,क्षेत्रीय विधायक सुरेश राही, कद्दावर मंत्री व जिले की प्रभारी रीता बहुगुणा जोशी को लिखित शिकायत करते हुए ग्राम विकास अधिकारी को हटाने की मांग की गयी। लेकिन गोस्वामी के भृष्टाचार की जडें इतनी मजबूत हैं कि अनेकों ग्राम सभा में विकास कार्यों का लाखों रुपए हडप जाने और षड्यंत्र रचने के बावजूद उसका उन ग्राम पंचायतों से हटा पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है । हस्ताक्षर मुहर युक्त लिखित शिकायत करते हुए प्रधानों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी आलोक गोस्वामी षड्यंत्र करके विकास कार्यों को अवरुद्ध करते हैं ,क्षेत्र के. अराजक तत्वों को बढावा देते हैं । किसी भी विकास कार्य के लिये अधिक कमीशन देने वाली फर्म के नाम ही चेकें काटीं गयी़ । चर्चा यह भी है कि ग्राम विकास अधिकारी आल़ोक गोस्वामी ने कुछ चेकें अपने निजी खाते में जमा की हैं प्रधानों ने गोस्वामी को स्थानान्तरित कर कार्यमुक्त कर दिये जाने के बाद इनके द्वारा काटे गये चेकों की जांच कराने की मांग की है ।
प्रधानों ने यह भी आरोप लगाया कि किसी भी कार्य को मंजूरी देने व चेक काटने के लिए लागत मूल्य की तीस प्रतिशत धनराशि अग्रिम मांगते हैं जिसको दे पाने. हम सक्षम नहीं हैं । जिस कारण हम लोगों को विकास कार्य ठप करना पडा हैं ।
प्रधानों ने बताया कि सबसे पहले ग्राम पंचायत अधिकारी के भृष्टाचार की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी राज कुमार से की खण्ड विकास अधिकारी ने शिकायत को संज्ञान लेकर जैसे ही आलोक गोस्वामी को हटाने का प्लान बनाया वैसे ही गोस्वामी ने जिला पंचायत राज अधिकारी से मिल कर यथास्थिति ग्राम पंचायतों में गोस्वामी को बनाए रखने के बाबत लिखित आदेश खण्ड विकास अधिकारी को पकड़ा दिया । जिस कारण खण्ड विकास अधिकारी ने अपने को अक्षम मानकर उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर सके।
जन चर्चा है कि बिसवां मे तैनाती के दौरान गोस्वामी द्वारा किये घोटालों को लेकर इनके विरुध्द कार्यवाही भी हो चुकी है।
अब देखना यह है कि भृष्टाचार के बल बूते पर शासन मे अपनी पकड मजबूत किये गोस्वामी द्वारा कराये गये कार्यो.की क्या शासन प्रशासन अपनी आँखें खोल कर निष्पक्षता. पूर्वक जांच करा कर दोषी पाये जाने पर भी गोस्वामी के विरुद्ध कार्यवाही कर पूर्ण सुचिता,पारदर्शिता के साथ उक्त ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करायेगा ।
गोस्वामी के भृष्टाचार की जब जानकारी पत्रकार सतीश आर्य को हुई तो उनके द्वारा जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत गोस्वामी से सम्बन्धित सूचना की मांग की गयी़ निर्धारित समय में सूचना न देकर काफी समय बाद एक पत्र के माध्यम से गोस्वामी ने अवगत कराया गया कि ग्राम सभा के इलाहाबाद यू0पी0 ग्रामीण बैंक हरगांव में स्थित राजकीय खाते 6249/-रु0 जमा करते हुए चाही गयीं सूचनायें प्राप्त कर सकते हैं पत्र मिलने के बाद पत्रकार सतीश आर्य ब्लाक मुख्यालय पहुंच कर गोस्वामी से कहा कि निर्धारित समयावधि निकल जाने के बाद सूचना प्राप्त करने के लिये शुल्क नहीं जमा कराया जा सकता है । इतना सुनते ही झुझला कर गोस्वामी ने सतीश आर्य को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर थक्का देकर एक कमरे में बन्द कर दिया । अनुनय विनय कर किसी तरह बन्धन मुक्त होकर मामले की जानकारी जिले के आला अधिकारियों को दी । जिले के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लेकर जांच कराई । लेकिन पैसे की चमक में चौधिया कर जांच अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी व थाना हरगांव के दरोगा ने जांच में लीपापोती कर आरोपी के पक्ष में अपनी जांच भेजकर भृष्टाचार को पनाह दे दी ।
जांच आख्या मुख्यालय पहुंचने के बाद गोस्वामी द्वारा लगातार पत्रकार सतीश आर्य को धमकी दी जा रही है।
मामले का गम्भीरता से संज्ञान लेकर हरगांव पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुनील गुप्ता, महामंत्री राकेश कुमार पाण्डेय सहित पूरी कमेटी ने जिले के आला अधिकारियों से गोस्वामी द्वारा काटे गये समस्त चेकों व उनके कार्योँ की पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता से जांच करा कर दोषी पाये जाने पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही कर लूटे गये सरकारी खजाने को सरकारी खजाने में पुनः जमा कराने की मांग की है ।