सीतापुर,अनूप पाण्डेय:NOI।गांव के लोगों को रोजगार से जोड़ने वाली मनरेगा योजना में सीतापुर में ऐसा वाक्या सामने आया है जिससे प्रदेश की योगी सरकार के भी होश उड़ जाएंगे। यहाँ वित्तीय वर्ष 2016-2017 में ब्लाक स्तरीय लाखों करोड़ों के कार्यों को सभी ग्राम पंचायतों से करा दिया गया। जबकि नियमों की माने तो क्षेत्र पंचायत अपनी कार्ययोजना के कार्य खुद कराती है और ग्राम पंचायत अपनी कार्ययोजना के 2 लाख तक के ही कार्य केवल अपनी ग्राम पंचायत में करा सकती है। लेकिन शासन से क्षेत्र पंचायत के कार्यों पर लगी रोक के बाद अफसरों ने ग्राम पंचायत की वर्क आईडी निकाल कर करोड़ो रुपयों को ठिकाने लगा दिया। न्यूज़ वन इंडिया की पड़ताल में जिले के लहरपुर विकास खंड की जो लिस्ट सामने आयी वो हैरान कर देने वाली थी। इस लिस्ट में उपलभ्ध 18 कार्य क्षेत्र पंचायत की कार्ययोजना में स्वीकृत थे लेकिन इन कार्यों की निकली वर्क आईडी ग्राम पंचायत की है जिससे यह कार्य मनमाने तरीके से करा दिए गए।
क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतो के क्या है अधिकार
मनरेगा नियमों की माने तो जिले के 19 ब्लाक स्तरीय कार्यों को क्षेत्र पंचायत द्वारा कराया जाता है जोकि एक ब्लाक के अंतर्गत 2 गांव से ज्यादा गांवों में कार्य जैसे सड़क , मिटटी पटान आदि कार्य करती है जिसकी सीमा 2 लाख रुपयों से ऊपर के कार्यों के स्टीमेट के आधार पर करा सकती है। जबकि ग्राम पंचायत केवल अपनी ही ग्राम पंचायत में केवल 2 लाख रुपयों के कार्यों जैसे नाली, खड़ंजा, सड़क आदि कार्य करा सकती है। और वित्तीय वर्ष की शुरुआत में इन दोनों की एजेंसियों की स्वीकृत हुई कार्ययोजना के अनुसार ये दोनों एजेंसी अपनी अपनी कार्ययोजना पर ही कार्य करा सकती है।
बीडीओ लहरपुर ने जांच के दिए आदेश, डीडीओ बोले कुछ गलत नहीं हुआ !
इस मामले में भी अजीबो गरीब मोड़ आ गया है न्यूज़ वन इंडिया द्वारा खबर पर पड़ताल करने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। यहाँ सीतापुर के लहरपुर ब्लाक की बीडीओ ने जहाँ इन 18 कार्यों की जांच के आदेश दे दिए है वहीँ जिला विकास अधिकारी ने इस मामले में साफ़ कहा है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है। डीडीओ का कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा मौखिक निर्देश दिए गए थे कि यदि कार्य क्षेत्र पंचायत की कार्ययोजना में है यदि वह कार्य केवल उस एक ग्राम में है तो वह कार्य ग्राम पंचायत से कराया जा सकता है।