सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश सीतापुर जनपद में लगातार घटनाएं घटित होती रहती हैं मगर स्वास्थ्य विभाग अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए बैठा हुआ है सीतापुर के गोंदलामऊ के संदना में रोड के किनारे प्राइवेट क्लीनिक खोले हुए है ना तो लाइसेंस ना तो डॉक्टर की डिग्री हासिल किए । भारी भरकम में एक्सरे मशीन वह अल्ट्रासाउंड मशीन ब्लड टेस्ट मशीन कई डॉक्टरों के नाम फर्जी तौर पर बोर्ड पर लिखाये हुए हैं जबकि उस रोड से क्या स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी नहीं जाते हैं क्या ये नहीं देखते हैं. यह बोर्ड कभी किसी ने नही देखा इनकी जांच करने का कष्ट नहीं किया गया। अभी 3 दिन पहले एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक व्यक्ति की फोड़े के ऑपरेशन कर बैठा नॉलेज ना होने के कारण उसकी नस कट गई उसकी हालत गंभीर हुई लखनऊ के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है कुछ दिन पूर्व में एक झोलाछाप डॉक्टर बंगाली ने एक बच्चे की जान भी ले लिया था ऐसे लगातार केस आते हैं जांच पड़ताल होती है फिर ठंडे बस्ते में जांच को बंद कर दिया जाता है आखिर इन पर क्यों नहीं कार्यवाही होती है जबकि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है फर्जी डॉक्टरों को FIR कराएं उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें जब पत्रकार खबर कवरेज करने फर्जी हॉस्पिटल पे जाते है तो उनको बड़े बड़े माफिया या मैनेज करलो ऐसे करके खबर दबाने का दबाव भी बनाया जाता है जब खबर प्रकाशित करो तो लोगो से फर्जी धन उगाही या मारने की धमकी दी जाती है ।
जब इस विषय में ए .सीएमओ .से बात की गई तो जांच कर कार्यवाही करने का अस्वाशन दिया ।