सीतापुर-अनूप पाण्डेय
एंकर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर पुलिस अधिवक्ता विवाद में उस समय एक और नया मोड़ आ गया जब बार के अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी को गिरफ्तार करने में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली। आपको बता दे पुलिस को काफी समय से आरोपी वकीलों की तलाश थी और पुलिस लगातार वकीलों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। इसके लिए वकीलों के घर पर नोटिस भी चस्पा की गई थी और मुनादी भी पीटी गयी थी। बीती रात पुलिस को एक आरोपी हरीश त्रिपाठी अध्यक्ष बार एसोसिएशन को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। हरीश त्रिपाठी की गिरफ्तारी को पुलिस एक बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है।
बता दे लगभग एक माह पूर्व अवैध जमीनों से कब्जे हटवाने के दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच विवाद हो गया था और कुछ अधिवक्ताओं ने एक सब इंस्पेक्टर की पिटाई की थी और पुलिस अधीक्षक से से भी हाथापाई की कोशिश की थी। तभी से पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच विवाद चल रहा है । दिनों दिन यह विवाद सुलझने के बजाय और गहराता गया। पुलिस और अधिवक्ताओ दोनो ने इस अपनी नाक का सवाल बना लिया। बदले की भावना के चलते पुलिस ने आरोपी वकीलों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए राष्ट्रद्रोह और डकैती जैसी धाराओं में केस पंजिकृत कर दिया। इतना ही नही आरोपी वकीलों पर 50000 का इनाम भी घोषित कर दिया। उसके बाद से आरोपी वकील लगातार फरार चल रहे थे, वही बार और अधिवक्ता संगठन मामले को सुलझाने के लिए पुलिस पर अधिवक्ताओं के उत्पीडन का आरोप लगाते हुए न केवल आंदोलन कर रहे थे बल्कि सरकार से न्याय की गुहार भी लगाते रहे लेकिन मामला सुलझ नही सका।
बार अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी की गिरफ्तारी से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आज एक मार्च निकाला, मार्च लालबाग़ चैराहे से होता हुआ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा जहां वकीलों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध व्यक्त किया।
मीडिया से बात करते हुए कार्यकारी बार अध्यक्ष आशीष मिश्र ने कहा कि अधिवक्ताओं के स्वाभिमान और सम्मान की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने योगी और मोदी सरकार का आह्वान किया कि वह वकीलों के सम्मान के लिए आगे आये।
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