भारत नेपाल सीमा क्षेत्र अंतर्गत जिले के रुपईडीहा बॉर्डर पर मादक पदार्थ स्मैक का अवैध कारोबार कुटीर उधोग की तरह बनता नजर आ रहा है। नेपाल के युवक व युवतियां स्मैक पीने के लिए सुबह ही रुपईडीहा में आ जाते है। यहां खुलेआम यह कारोबार चलता दिखाई दे रहा है। बीते एक वर्ष में कस्बे के एक दर्जन से अधिक लोगों की स्मैक पीने की वजह से मौत भी हो चुकी है। मगर यह कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। रुपईडीहा की नई बस्ती,बरथनवां,मुस्लिमबाग, रुपईडीहा गाँव स्मैक बिक्री का मुख्य केंद्र है। यहीं से स्मैक की बिक्री व नेपाल को तस्करी की जाती है। नई बस्ती निवासी बुढहू उर्फ सलीम स्मैक व चरस का एक बड़ा सौदागर बताया जाता है जो खुलेआम स्मैक व चरस की बिक्री अपने घर से करता है। मगर पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अंजान बनी हुई है। आलम यह है कि यह स्मैक का ब्यापारी छोटे छोटे बच्चों को स्मैक की डिलिवरी देने के लिए लगा रखा है। कस्बे का युवा वर्ग पूरी तरह बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। सूत्रों के हवाले से ये बताया जाता है कि रुपईडीहा में जो स्मैक की खेफ आती है उसको बाराबंकी निवासी चुन्ना नामक ब्यक्ति सप्लाई करता है। चुन्ना व बुढहू में फोन पर संवाद होने के बाद चुन्ना बुढहू के बताये स्थान पर स्मैक की खेप भेजता है। स्थानीय पुलिस क्यों नही डालती बुढहू पर हाथ,,,रुपईडीहा का एक नामी तस्कर का रिस्तेदार होने का भरपूर फायदा बुढहू उठा रहा है। चूंकि रुपईडीहा पुलिस में मतीन नामक तस्कर की अच्छी खासी पैठ है। बॉर्डर पर फल फूल रहे तस्करी का कारोबार इसी के इसारे पर होता है। इसी वजह से पुलिस बुढहू पर हाथ नही डाल रही है और बुढहू खुलेआम बॉर्डर पर नशे का कारोबार कर रहा है।