नेपाल के रास्ते भारतीय क्षेत्रों में फल फूल रहा है स्मैक का कारोबार,पुलिस और प्रशासन है बेखबर……..बहराइच :(अब्दुल अज़ीज़)NOI:- उत्तर प्रदेश के इण्डो नेपाल बॉर्डर का रुपईडीहा क्षेत्र पूरी तरह से स्मैक का गढ़ बन गया है जबकि सीमा पर पुलिस,कस्टम,एसएसबी सहित कई और सुरक्षा एजेंसियां तैनात है लेकिन इसके बावजूद यहां बड़े पैमाने पर स्मैक का कारोबार किया जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक़ रुपईडीहा कस्बे के नई बस्ती ,बरथनवां गांव सहित चकिया चौरहा मुख्य केंद्र है। यहां पर सैकडो की संख्या में लोग इस कारोबार में लिप्त हैं। पुलिस के मुताबिक नई बस्ती के मदरसे के बगल मे रहने वाला बुढहू उर्फ सलीम पांच वर्ष पूर्व एक तांगा चालक था परन्तु बीते पांच सालो में स्मैक बेचते बेचते करोडो का मालिक बन गया परन्तु पुलिस के हाथ उसके गिरेबान तक नही पहुंच सके। जब कभी पुलिस टीम उसके घर पर छापा मारने की सोंचती है तो आस्तिन के सांपो द्वारा उसे सूचना दे दी जाती है जिससे वह फरार हो जाता है यही नही उसके इस अवैध कारोबार को करने के लिये क्षेत्रीय पुलिस का भी संरक्षण रहता है। नेपालगंज से रोजाना सैकड़ो की संख्या में युवक युवतियां खरीदारी करने रुपईडीहा आते हैं। एक आकडे के अनुसार बीते दो सालो में स्मैक के सेवन से तकरीबन एक दर्जन से अधिक लोगों की मौतें भी हो चुकी है। लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया। आलम यह हुआ कि आज के दौर में रुपईडीहा स्मैक का हब माना जा रहा है। अधिकतर मेडिकल स्टोरो पर भी आसानी से स्मैक मिलती जाती है। सूत्रो द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बाराबंकी से स्मैक की खेप को महिलाओ द्वारा रुपईडीहा लाया जाता है। और फिर यहाँ से उसे नेपालगंज होते हुए काठमांडो भेज दिया जाता है।जब न्यूज़ टीम के लोग नईबस्ती में पहुँचे तो वहां कई नशेड़ी युवक खुले आम स्मैक पीते नजर आये। अब देखना ये है कि रुपइडिहा थाने की टीम में हुये परिवर्तन से क्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार पर लगाम लग पाती है कि नही।