नई दिल्ली: दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ मंगलवार को सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और ये पूरे देश के लोगों की है. और केंद्र में देश की सरकार है इसलिए दिल्ली पर केंद्र संपूर्ण अधिकार रखता है.
दिल्ली सरकार ही दिल्ली है ये नहीं कहा जा सकता और इसका फैसला सिर्फ केंद्र ही ले सकता है. उदाहरण के लिए दिल्ली सरकार कल को किसी पद पर केवल बिहार के लोगों की ही भर्ती करें तो स्थिति कैसी होगी. इससे अव्यस्था पैदा होगी. केंद्र सरकार ने कहा कि कल को 26 जनवरी की परेड की जगह दिल्ली सरकार बदलने की बात करने लगे तो कैसी स्थिति होगी. दिल्ली में जितनी भी सेवाएं हैं वे केंद्र के अधीन हैं. केंद्र के पास उसके ट्रांसफर, पोस्टिंग का अधिकार है और ये पूरी तरह से केंद्र के अधीन है.
उप राज्यपाल मंत्रि परिषद की सलाह को मनाने के लिए बाध्य नहीं है. मंत्रि परिषद कोई भी विधायी फैसला लेने से पहले उप राज्यपाल को सूचित करेंगे और मंजूरी के बाद फैसला लेंगे. फैसले के बाद फिर उन्हें बताएंगे. चुनी हुई सरकार सभी मुद्दों पर उप राज्यपाल से सलाह मशवरा करेगी. ये अलोकतांत्रिक नहीं है कि केंद्र सरकार दिल्ली में अपना प्रशासन चलाए.