
दीपक ठाकुर
अंकित ये वो नाम है जिसे सुशांत दिन भर में कई बार लिया करता था सुशांत अंकित को अपनी किसी फिल्म में मौका भी देता अपनी फिल्म केदारनाथ का आखरी सीन भी सुशांत ने अंकित से घर पे कराया और कहा लिखो में कब कैसे और क्या क्या कर रहा हूँ ये सभी बातें सुशान्त सिंह राजपूत के करीबी अंकित ने मीडिया के साथ साझा की हैं उसने ये भी बताया कि सुशान्त आत्महत्या करने वाला शख्स नही था वो ज़िन्दगी अपने तरीके से जीता था और जीना चाहता था लेकिन उसका किसी ने मर्डर कर दिया ऐसा उसे लगता है।

अंकित ने बताया कि सुशान्त के घर से उसको और पूरे पुराने स्टाफ को अचानक से निकाल दिया गया जिसको लेकर उसने सुशांत से मिलने की कोशिश भी की पर उसे मिलने नही दिया गया उसने बताया कि रिया के साथ यूरोप से आने के बाद सुशान्त बिल्कुल बदल गया था शरीर कमजोर हो गया था और होंठ भी काले पड़ गए थे लेकिन ये कभी नही लगा कि वो आत्महत्या कर लेगा और जो तस्वीर आई है वो भी हत्या की तरफ इशारा कर रही है।

अंकित ने कहा कि सुशान्त के गले मे जो दो निशान हैं वो कुर्ते के नही हैं जिससे बताया जा रहा है कि उसने कुर्ते को फंदा बनाकर आत्महत्या की है उसने कहा वो निशान उसके डॉग के पट्टे का है जिससे उसका गला कसा गया होगा और बेल्ट के बक्कल का वो दूसरा गोल सा निशान है जिसे वो अच्छी तरह पहचानता है उसने बहुत साधारण लेकिन सटीक बात ये भी बताई के अगर कोई फांसी लगाता है तो गले पर यू शेप का निशान आता ना कि एक दम गले के बीचोबीच सीधा।

वैसे अंकित ने जो फंदे वाली बात बताई उससे शायद ही किसी को गुरेज़ हो क्योंकि हर शख्स जानता है कि जब कोई चीज़ लटकती है तो उसकी पकड़ के निशान कहाँ आते हैं इस तरह किसी लटकने वाले के निशान बन ही नही सकते अब ये अलग बात है कि मुम्बई पुलिस की समझ मे ये बात आ ही नही रही शायद वो इसे अनदेखा करने में ही मसरूफ है इसी लिए अपनी ही थ्योरी पर अड़ी है और वो ये भी चाह रही है कि इसकी जांच सीबीआई को ना दी जाए इन सब बातों से सबको यही लगने लगा है कि सुशान्त मरा नही उसे मारा गया है।