इरफान शाहिद
सुशान्त सिंह राजपूत ऐसा शख्स जिसने बिहार से मुम्बई तक का सफर किया कुछ नया करने के लिए कुछ ऐसा जिसे करना सबके बस की बात ना हो और मुम्बई आने के बाद हुआ भी कुछ ऐसा ही यहाँ सुशान्त ने जिस टीवी सीरियल में काम किया वो भी सुपर हिट रहा उसके बाद कुल 7 फिल्में की वो भी एक से बढ़कर एक किसी फ़िल्म को या सिरियल को देख कर ये ज़रा भी नही महसूस हुआ कि सुशांत का फिल्मों से दूर दूर तक कोई रिश्ता नही रहा ना सुशांत का कोई गाड फादर ना ही उसकी कोई फिल्मी पहुंच फिर भी युवा दिलों की धड़कन बने सुशान्त सिंह को किसी ने बेदर्दी से मारा वो भी षड्यंत्र के साथ और षड्यंत्र भी ऐसा के हत्या को आत्महत्या बना कर सबके सामने रख दिया।
लेकिन कहते हैं कि सच छिपता नही है वो एक ना एक दिन ज़रूर सामने आता है वो कैसे हुआ ये जानिए जिस मुम्बई पुलिस ने सुशांत के आत्महत्या की थ्योरी पर अपना काम किया उसी मुम्बई पुलिस ने उसकी ऐसी तस्वीर सबको दी जिसके निशान चीख चीख कर कह रहे हैं कि ये हुआ नही है किया गया है और तो और उसकी लिविंग पार्टनर रिया जिसने सुशांत को पागल साबित करने का पूरा प्रोग्राम बनाया और ऐश भी उसी के पैसों से करती रही उसे इतना नही पता के उसके ऐसा कहने से उंगली उसके ऊपर ही उठेगी के जबसे वो आपके साथ रहने लगा तभी से मानसिक रोगी हो गया जब तक आपके पूरे घर का खर्चा उठाता रहा तब तक ठीक था और जब साथ छोड़ा गया तो मानसिक रोगी हो गया वाह रिया आपका नाम वैसे किसी को नही पता लेकिन आपके कनेक्शन बहुत तगड़े हैं साजिश भी तगड़ी थी पर किस्मत खराब निकली जो देश की निगाह पे चढ़ गई।
सुबूत बता रहे हैं कि सुशांत के पैर टूट चुके थे गले मे दो निशान थे जानने वाले कहते हैं वो ज़िन्दगी जीने वाला ज़िंदादिल इंसान था वो खुदखुशी कर ही नही सकता था और कॉमन सेंस की बात बताइये मामूली कुर्ते से इतना भारी भरकम आदमी कैसे लटक जाएगा हद्द है आंख में धूल झोंकने की देश अंधा नही है ना ही बहरा है भले महारष्ट्र सरकार और मुम्बई पुलिस इस मामले को आत्महत्या समझे लेकिन देश जानता है ये हत्या है वो भी साजिश वाली हत्या जिसमे रिया के साथ सत्ताधारी और खाकी धारी दोनो संलिप्त हैं।जो किसी ऐसे लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं जिनसे वहां की सरकार चलती है।