राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सदभावना विचार गोष्ठी का आयोजन
विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि भारत को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा किये गये त्याग और बलिदान को हम लोग जब इतिहास के पन्नों में पढ़ते हैं तो मन भाव विभोर हो जाता है। सेनानियों द्वारा जो सपना भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में देखा गया था। लेकिन हम लोग इनके देखे हुए सपनों को तोड़ते हीं जा रहे हैं। उन्हांेने मौजूद लोगों का आहवान करते हुए कहा कि इन अमर सेनानियों द्वारा किये गये प्रयास निरर्थक नहीं होने देना चाहिए। हम लोगों द्वारा राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को बनाये रखते हुए देश को ऊॅचाई पर ले जाने का प्रयास किया जाय।
उन्होंने कहा कि भारत कई वर्षों तक गुलाम था इसका सबसे बड़ा कारण था की आवाम के बीच एकता की कमी का होना। आज देश के युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि एकता देश के लिए कितनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक परिवारों में एकता नही होगी तब तक देश में एकता नहीं हो सकती और जब तक एकता नहीं होगी तब तक विकास की गति अवरूद्ध एवं दिशाहीन होती रहेगी। उन्होंने बताया कि हमारे देश का संविधान देश में रहने वाले हर जाति, वर्ग, धर्म, गरीब, अमीर सबको देखकर बनाया गया है ताकि देश में रहने वाले हर व्यक्ति स्वतन्त्र और एक साथ जीवन यापन करते हुए देश के उन्नति के बारे में सोंचे। देश मंे राष्ट्रीय एकता बनाये रखने के उद्देश से प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा कदम उठाया गया है जिससे हमारे देश मे एकता बनी रहे।
विचार गोष्ठी में हामिद अली खां व लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी ‘मृदुल’ ने राष्ट्रीय एकता बनाये रखने पर बल दिया जबकि मंत्री जिला स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी परिषद रमेश कुमार मिश्रा ने कहा कि हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का मिशाल है। यहां पर हर जाति धर्म के लोग एक साथ रहकर अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए अनेकों लोगों के द्वारा हाथ बढ़ाया गया। देश के अमर सेनानियों का नमन करते हुए हम सबको एक साथ लेकर चलना होगा।
कार्यक्रम के अन्त में जिला स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी परिषद, बहराइच के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद तिवारी ने सभी मौजूद लोगों को आशीर्वाद दिया। विचार गोष्ठी के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद तिवारी को खादी गमछा एवं धोती तथा जनपद के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी आश्रित/विधवाओं कबूतरी देवी, चन्द्रकान्ती देवी, बेचाना देवी, सेवादासिन व शान्ति देवी को खादी की साड़ी एवं पुष्पगुच्छ भंेटकर सम्मानित किया गया।
विचार गोष्ठी का संचालन साहित्यकार कवि रामसूरत वर्मा ‘जलज’ द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अन्त में अपर जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस सिद्दीकी के पिता के आकस्मिक निधन पर मौजूद लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस अवसर पर सेनानी उत्तराधिकारी आदित्यभान सिंह, जमीला, लवकुश, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार श्रीवास्तव, योगेश मोहन श्रीवास्तव, सभाकान्त दुबे, नजमुल हसन, ओम प्रकाश मिश्रा, अम्बिका प्रसाद, शशिकान्त कुशवाहा व अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।