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Tuesday, December 3, 2024

सेंट्रल जेल में 500 उम्रकैदियों की रिहाई की मांग..

आगरा सेंट्रल जेल से उठी उम्रकैदियों की रिहाई की मांग बरेली केंद्रीय कारागार तक पहुंच गई। समय पूर्व रिहाई की मांग को लेकर बरेली सेंट्रल जेल के करीब पांच सौ उम्र कैदियों ने शुक्रवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा। यहां सेंट्रल जेल में उम्रकैदियों के भूख हड़ताल पर बैठने का पता लगने पर शासन तक खलबली मच गई।
 
डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी आलोक कुमार ने जेल जाकर हड़ताल पर बैठे कैदियों से बात की। लखनऊ में बैठे अफसर फोन पर पल-पल की खबर जेल प्रशासन से ले रहे हैं। कुछ नियमों के तहत प्रदेश सरकार के आदेश जारी करने पर 14 साल तक सजा काट चुके उम्रकैदियों को 26 जनवरी और 15 अगस्त पर रिहा कर दिया जाता था।

मगर पिछले करीब आठ सालों से यूपी की जेलों से किसी भी राष्ट्रीय पर्व पर उम्रकैदियों की रिहाई नहीं की गई। इसकी वजह यह है एक याचिका पर निर्णय सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैदियों की एक साथ रिहाई पर रोक लगा दी।

यहां सेंट्रल जेल में बंद 21 सौ कैदियों में करीब दो हजार उम्रकैद की सजा वाले हैं। इनमें करीब तीन सौ कैदी 14 साल से ज्यादा अधिक जेल में बिता चुके हैं। डेढ़ सौ के करीब कैदी बीमार हैं। बुजुर्ग कैदियों की रिहाई के लिए सेंट्रल जेल प्रशासन ने कई बार प्रयास किए, लेकिन कभी शासन से फाइल लौटा दी गई तो कभी पुलिस की रिपोर्ट नेगेटिव रही।

अपनी रिहाई को लेकर 29 अगस्त से आगरा सेंट्रल के कुछ कैदी भूख हड़ताल पर हैं। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को सेंट्रल जेल के कुछ कैदियों ने नाश्ता तो किया, लेकिन दोपहर का भोजन लेने से मना कर दिया और अपनी बैरक में जाकर अनशन पर बैठ गए। फिर एक-एक कर भूख हड़ताल करने वाले कैदियों की संख्या पांच सौ के करीब पहुंच गई, जो खाना, पीना छोड़ अपनी बैरक में अनशन कर रहे हैं। 

 

हड़ताल करने वाले कैदियों का कहना है कि जेल में 14 साल बिता चुके कैदियों की समय पूर्व रिहाई नहीं की जा रही है। विभिन्न न्यायालयों में लंबित अपीलों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। लंबी अवधि होने के बावजूद जेल में बंद कैदियों को जमानत नहीं हो पा रही है। तमाम बीमार कैदियों की जेल में ही मौत हो रही है। अगर वह रिहा हो जाएंगे तो कम से कम इलाज करा सकेंगे। 

हड़ताल का पता लगने पर जेल प्रशासन में खलबली मच गई। जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बैरकों में जाकर कैदियों से बातचीत की। फौरन इसकी सूचना जिला प्रशासन और शासन को दी गई। डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी ने सेंट्रल जेल जाकर कैदियों से बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की।

“कुछ कैदी भूख हड़ताल पर हैं। एक-एक बंदी से बात करके उन्हें समझाने की कोशिश की गई है। उनकी मांगों सहित रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।” -पीएन पांडेय, सेंट्रल जेल अधीक्षक

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