** विकासखंड लहरपुर की ग्राम पंचायत रंगवा रसीपुर के ग्राम प्रधान किस प्रकार से कार्य करवा रहे हैं शौचालयों का निर्माण एक प्रत्यक्ष नजर शौचालय की तरफ डालते हैं और देखते हैं कि किस प्रकार से प्रधान के द्वारा शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है शौचालय का निर्माण सरकार के द्वारा सभी गांव में सभी गांवों को ओडीएफ करने के लिए खुले में शौच से मुक्त करने के अभियान में सरकार का बड़ा जोर शोर से अभियान चल रहा है लेकिन प्रधान सरकार की स्वच्छता अभियान उस सिर्फ पलीता लगा रहे हैं और अपनी पॉकेट को मजबूत कर रहे हैं किसी भी आला अधिकारी का कोई भी डर इनको नहीं है देखिए शौचालय का निर्माण किस प्रकार से प्रधान के द्वारा कराया जा रहा है अव्वल ईट की जगह पीला लगाकर लाभार्थियों को चुप करा देते हैं और मसाले की बात की जाए तो गांव के मुताबिक गांव वालों के मुताबिक मसाला किस प्रकार से बनाया जाता है थोड़ा सा ध्यान दे बालू 1 थालिया मैं एक तसला सीमेंट मौरंग का कहीं नाम निशान नहीं दिख रहा जांच पड़ताल के दौरान मिस्त्री के द्वारा बताया गया की इसमें काली मौरंग का इस्तेमाल किया जा रहा है इसके बारे में जब लाभार्थियों से बात की गई तो लाभार्थियों ने कहा हमारे सामने किसी प्रकार की ना तो काली और ना ही लाल मोरंग का इस्तेमाल किया गया है इस प्रकार से जितने भी शौचालय बन रहे हैं उन सारे शौचालयों में किसी में भी सही से ना तो मसाले का प्रयोग किया गए हैं और ना ही ईटों का इस प्रकार से कैसे चूना लगा रहे हैं ग्राम प्रधान रंगवा रोसी पुर के रतनलाल गौतम ऐसे ही शौचालयों का बगैर जांच पड़ताल के बन्ना जारी रहा तो माननीय प्रधानमंत्री जी के कभी भी सपने पूरे नहीं हो सकते क्योंकि जिस प्रकार से जैसे मसाले का प्रयोग किया जा रहा है वह बिल्कुल मिट्टी सा है और इस वजह से वह बहुत ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा शौचालय का जो दरवाजा लगाया जा रहा है वह बिल्कुल आम के पत्ते जैसा और लैट्रिन में किसी प्रकार का टाइल्स नहीं लगाया जा रहा है जा रहा है पूरा का पूरा लैट्रिन में शौचालय में पीला ईट का उपयोग किया जा रहा है किसी भी लैट्रिन में अव्वल मीट देखने को नहीं मिलेगी और ना ही शौचालय में किसी प्रकार का कोई टायल नहीं लगाया जा रहा है इतनी लापरवाही के चलते ग्राम प्रधान किस प्रकार से उस शौचालयों का निर्माण करवा कर अपनी जेब को किस प्रकार से मजबूत कर रहे हैं इसकी जानकारी करने के लिए हमारी टीम जब ग्राम प्रधान के गांव पहुंची तो प्रधान सामने आने से इंकार कर दिया और बहाना बता कर खिसक लिए यदि इसी प्रकार से स्वच्छता मिशन को ग्राम प्रधान रतन लाल गौतम जैसे ही प्रधान मिलते रहे तो प्रधानमंत्री जी के सपने कभी साकार नहीं हो सकते और ना ही कोई प्रशासन के द्वारा इनसे किसी प्रकार की शक्ति की जाती है कोई भी अधिकारी उन शौचालयों का निरीक्षण करने के लिए गांव तक नहीं पहुंचता है इसीलिए ग्रामीण वासियों ने बताया की प्रधान जिस प्रकार से उनका जीव होता है उसी प्रकार से वह कार्य करवाते हैं हम लोगों का उसमें किसी प्रकार का कोई रोल नहीं रहता है जैसे चाहते हैं अपनी मनमानी कार्य करते हैं रिपोर्ट आशीष कुमार गौड़ डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिपोर्टर सीतापुर