दीपक ठाकुर:NOI।
सुन के अच्छा लगता है कि देश का प्रधानमंत्री देश की सेना के जवानों की हुई शहादत पर चिंतित है वो चाहता है कि उनकी शहादत का बदला लिया जाए क्योंकि देश गुस्से में है।पुलवामा में जो कायराना रवैया नापाक देश ने कराया है उससे हम सभी देशवासी शर्मिंदा है,शर्मिंदा इसलिए है
क्योंकि आज देश का प्रतिनिधित्व वो शख्स कर रहा है जिसने कुर्सी सम्भालते हुए सबसे पहले पड़ोसी देश को ये कह के अल्टीमेटम दिया था कि उनका सीना 56 इंच का है इसलिए सम्भल जाओ क्योंकि हम एक के बदले 10 सिर लाने की मंशा से काम करेंगे।इसी के तहत सर्जिकल स्ट्राइक भी हुई जिसे भाजपा ने बतौर अपनी सियासी उपलब्धि अच्छी तरह से भुनाने का प्रयास भी किया और आज भी कर रही है।
लेकिन यहां सवाल यही खड़ा होता है कि जब देश के मुखिया ने ताल ठोक के ये कहा था कि उसकी नीति से आतंकवाद का खात्मा होगा और अब वो नही होगा जो पहले होता था मतलब साफ था कि आतंकी घटना पर अंकुश लगेगा और आतंकी सहम कर बिल में छिप जाएंगे लेकिन वर्तमान सरकार में जिस तरह की आतंकी घटनाएं घटी हैं वो सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी नज़र आती है।पुलवामा में जो हुआ उससे तो यही लगता है आतंकी जब जो चाहे वो करने को आज़ाद हैं जिसका मतलव ये के उनमे भारत का खौफ ज़रा भी नही है ये होता है पाकिस्तान की मदद से क्योंकि वो इन्ही के बल पर अपनी राजनीति की दुकान चलाता है।
इतना होने के बाद हमारे देश की सरकार और सभी पार्टी पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात करती हैं जिसको हर चेनल बड़ी तरजीह देता है सब कहते हैं कि सम्भल जाओ अब बहुत हो गया हर बार यही रिकार्ड बजता है सम्भल जाओ अब बहुत हो गया अब बर्दाश्त नही होगा सेना को छूट दे दी गई है तो मेरा सरकार से यही सवाल है कि ये छूट सैनिको की शहादत के बाद ही क्यों दी जाती है बाकी समय पत्थरबाजों से भी आंख मिलाने की इजाज़त छीन ली जाती है क्या इसमे भी आप सभी पार्टी राजनैतिक रोटियां सेंकने की फिराक में लगे रहते हैं अरे आप सैनिकों को जीते जी ना आज़ादी देते हैं
और ना ही अच्छी ज़िन्दगी जीने के लिए अच्छा पैसा आप अपने लिए तो खूब गुणाभाग करके जीवन भर का आराम तलाश कर लेते हैं पर सैनिकों का कुछ क्यों नही सोचते आप क्यों भूल जाते हैं कि वो हैं तभी आप की राजनीती बिना डर के चल रही है क्योंकि डर के आगे हमारा सैनिक मुस्तेदी से खड़ा रहता है तो निवेदन है आपसे उनके हाथ मत रोकिये कहिये जो देश के खिलाफ सिर उठाये उसका सिर कलम कर दो खुद जियो देश देशद्रोहियों की लाशें बिछा दो तब लगेगा आपके हाथ मे देश है तो देश का जवान भी सुरक्षित है।