दीपक ठाकुर
अनलॉक 5 के लिए केंद्र सरकार ने नई एडवाइजरी जारी कर दी हैं जिसमे स्कूल से सिनेमाहाल और स्वीमिंग पुल तक खोलने की बात कही गई है लेकिन शर्तों के साथ और स्कूल को लेकर कहा गया है कि इस पर राज्य सरकार फैसला ले सकती है कि करना क्या है अब इस पर योगी सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने को हरी झंडी दे दी है यहां भी शर्तें लागू हैं साथ ही ये भी खबर है कि अभिभावकों को लिखित में देना होगा कि उनका बच्चा स्कूल जाएगा सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि स्कूल वाले इस बात पर भी अभिभावकों की सहमति लेंगे के अगर स्कूल में उनके बच्चे को कोरोना हुआ तो उसकी ज़िम्मेवारी भी अभिभावक की ही होगी अब बताइये कौन अभिभावक चाहेगा कि उसके बच्चे की जान जोखिम में पड़े।
और तो और बच्चा घर से स्कूल कैसे आएगा जाएगा इसपे भी कोई बात नही कही जा रही जिससे अभिभावक काफी सहमे हुए हैं उनका कहना यही है कि स्कूल खोलने को लेकर कोई ऐसी जल्दबाज़ी ना दिखाए जिससे अभिभावकों पर कोई बड़ा संकट आये।सरकार ये बात अच्छे से जानती है कि स्कूल सरकार की कोई बात संजीदगी से नही लेता फिर भी उसको इतनी बड़ी ज़िम्मेवारी देना कहाँ तक उचित है वैसे भी आन लाइन क्लासेस चल ही रही है हॉफ इयरली एग्जाम तक हो चुके हैं तो चलने दिए ऐसे ही कम से कम बच्चा अभिभावकों के सामने तो है जिसमे उसकी ही पूरी जिम्मेदारी है तो स्कूल भेज कर मन क्यों अशांत करना और दूसरी बात ये के जब आप जानते हैं कि कोरोना संकट बढ़ रहा है आगे और बढ़ने की ही सम्भावना है वेक्सीन अभी तक आई नही है तो स्कूल खोलने को लेकर कोई विचार ना करे सरकार तो ही अच्छा ऐसे आदेशो से टेंशन होती है क्योंकि अगर स्कूल खुले तो बच्चों को भेजना मजबूरी होगी अभिभवकों की बच्चो को भी डर रहेगा कि स्कूल की पढ़ाई छूट जाएगी क्योंकि ऐसा तो नही कि सभी अभिभावक बच्चो को स्कूल जाने की इजाज़त दे ही दे तो जो ना दे उनके बच्चों की पढ़ाई का क्या इस ओर भी ध्यान दिया जाए फिलहाल कोई अभिभावक नही चाहता कि उनका बच्चा स्कूल जा कर पढाई करे सरकार इस ओर ज़रूर ध्यान दे ये अभिभावकों की अपील है।