नई दिल्ली , एजेंसी । चरित्र पर शक करने वाले पति से तंग आकर फांसी लगाने वाली पर्वतिय कॉलोनी निवासी रजनी की एनआईटी-1 स्थित निजी अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह मौत हो गई। बेटी की मौत से गुस्साए पिता उदयसिंह और मायके वालों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उदय सिंह की शिकायत पर दामाद भगवान सिंह के खिलाफ बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
रामनगर निवासी उदय सिंह ने बताया कि उन्होंने बेटी रजनी का विवाह 2010 में भगवान सिंह निवासी पर्वतिय कॉलोनी से किया था। उनका आरोप है कि दामाद भगवान सिंह बेटी के चरित्र पर शक करता था, इस वजह से आए दिन रजनी को मारता पीटता था। बेटी की शिकायत पर उन्होंने कई बार दामाद को समझाने का प्रयास किया लेकिन कुछ दिन बाद फिर मारपीट शुरू हो जाती। 11 मई 2017 की शाम भी भगवान सिंह ने रजनी को पीटा था।
गुस्साई रजनी ने उसी रात फांसी लगा ली। ससुराल वालों ने उसे फांसी लगाते देख लिया था। तुरंत ही उसे फांसी से उतार कर एनआईटी-1 स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को रजनी की सांसें थम गईं। पवर्तिय कालोनी चौकी इंचार्ज ने बताया कि भगवान सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
संभ्रांत लोगों ने करवाया समझौता
बेटी की मौत से दुखी उदय सिंह को पांच साल के नाती और तीन साल की नातिन की फिक्र सता रही थी। बीके अस्पताल की मोर्चरी के पास उनके परिजन दामाद भगवान सिंह और उनके परिवार वालों से बच्चों के भविष्य के सवाल पर उलझ गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बलजीत कौशिक ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की। तय हुआ कि बेटे के नाम एक प्लॉट किया जाएग जबकि बेटी के नाम 50 हजार रुपये फिक्स डिपॉजिट किए जाएंगे। इस पर राजी हुए उदय सिंह ने ससुरालियों को छोड़कर सिर्फ दामाद के खिलाफ बेटी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया।