मेरठ: पश्चिमी यूपी मे हाईकोर्ट की बेच नही तो इस बार भाजपा को वोट भी नही। प्रधानमंत्री यदि बेच के बारे मे ठोस आश्र्वासन नही देते तो अधिवक्ता उनकी रैली का कड़ा विरोध करेगे। उन्हे को रोकने के लिए भले ही पुलिस-प्रशासन लाठीचार्ज करे या फिर गोलियां चलाए। पश्चिमी यूपी के करीब 22 जिलो के 20 हजार अधिवक्ता रैली स्थल पर पहुंचकर कड़ा विरोध करेगे। प्रधानमंत्री को काले झंडे दिखाएं जाएंगे। यह ऐलान मंगलवार को हाईकोर्ट बेच केद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र के चेयरमेन गजेद्र पाल सिंह व संयोजक अजय कुमार शर्मा ने किया है। मंगलवार को पंडित नानक चंद सभागार मे बेच को लेकर चेयरमैन व संयोजक ने पत्रकार वार्ता बुलाई, जिसमे वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हुए। चेयरमैन गजेद्र पाल सिंह एवं संयोजक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि पश्चिमी यूपी मे बेच को लेकर 8 मई 81 को मुजफ्फरनगर से सक्रिय आंदोलन शुरू हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी व वर्तमान गृहमंत्री तथा कानून मंत्री तक ने सभी ने बेच की मांग को जायज ठहराया है। इसके बावजूद अभी तक वेस्ट मे बेच की मांग पूरी नही हुई। केद्रीय संघर्ष समिति की कैराना, शामली व बागपत मे हुई बैठक मे निर्णय लिया गया था कि यदि भाजपा की केद्र सरकार बेच की मांग पूरी नही करती है तो पीएम नरेद्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत अन्य बडे़ नेताओ का विरोध करेगे। उनकी रैली अथवा सभाओ का भी विरोध करेगे। चेयरमैन गजेद्र पाल सिंह ने कहा कि चार फरवरी को प्रधानमंत्री भाजपा की रैली को सम्बोधित करने मेरठ आ रहे है। हमारी मांग है कि रैली से पूर्व मेरठ बार मे आकर बेच का ठोस आश्वासन दे। यदि मांग पूरी नही होती है तो वेस्ट यूपी के करीब 22 जिलो के 20 हजार से अधिक अधिवक्ता रैली स्थल पर पहुंचकर रैली व उनका कड़ा विरोध करेगे। यही नही उन्हे काले झंडे भी दिखाएं जाएंगे। उनकी मांग मान ली जाती है तो केद्रीय संघर्ष समिति बैठक कर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेगी। चेयरमैन ने हाईकोर्ट बेच की मांग का समर्थन न करने पर मुख्यमंत्री व अन्य दलो के नेताओ के साथ उनकी सभाओ का भी विरोध करने की घोषणा की। बताया कि दो फरवरी को मेरठ बार एसोसिएशन की आमसभा की बैठक बुलायी गई है। बैठक मे आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राजेद्र जानी, तरुण ढाका, लीलापत, उपाध्यक्ष पूनम वशिष्ठ पूर्व महामंत्री संजय शर्मा आदि भी मौजूद रहे।