नई दिल्ली। शनिवार से नेशनल और स्टेट हाईवे पर पांच सौ मीटर दायरे में शराब नहीं बिकेगी। यहां तक कि इस दायरे में आने वाले होटल, रेस्त्राओं और ढाबों में भी शराब नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए होटलों और रेस्त्राओँ को भी ढील देने से इन्कार कर दिया।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ संशोधनों के साथ हाईवे पर शराब की दुकानों पर रोक लगाने का आदेश बरकरार रखा है। कोर्ट ने बीस हजार तक की आबादी वाले क्षेत्र में दूरी 500 मीटर से घटा कर 220 मीटर कर दी है। इससे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में पांच सौ मीटर का नियम जारी रहेगा। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यी पीठ ने राज्यों और शराब विक्रेताओँ की अर्जियों पर ये आदेश दिया है। कोर्ट ने गत वर्ष 15 दिसंबर को शराब की दुकानों के साथ साथ शराब बिक्री के साइनबोर्ड, होर्डिग अथवा विज्ञापन पर भी रोक लगाई थी। कोर्ट का यह आदेश 1 अप्रैल से लागू होना था। जिसकी समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई है।
राज्यों और शराब विक्रेताओं ने अर्जियां दे आदेश में बदलाव करने और 31 मार्च की तिथि बढ़ाने की मांग की थी। होटल और रेस्त्राओँ ने भी आदेश स्पष्ट करने को कहा था ताकि ये साफ हो सके कि आदेश सिर्फ शराब की दुकानों के लिए है या फिर होटलों के लिए भी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन पहलू हैं जिसमें परिस्थितियों को देखते हुए आदेश में बदलाव की जरूरत है। पीठ ने कहा कि जिन स्थानीय निकायों की आबादी 20 हजार या उससे कम है वहां अगर हाईवे पर 500 मीटर दूरी का नियम लागू होगा तो दुकानें आबादी से बाहर चली जाएंगी।
कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि उन क्षेत्रों में हाईवे से शराब की दुकानों की दूरी 500 मीटर के बजाए 220 मीटर रहेगी। दूसरा बदलाव वर्तमान लाइसेंस धारकों के लिए है। कोर्ट ने 15 दिसंबर के फैसले में कहा गया था कि जिनके पास लाइसेंस हैं वे 31 मार्च तक दुकाने चला सकतें है उसके बाद उनका लाइसेंस नवीकरण नहीं किया जाएगा। लेकिन तेलंगाना सहित कुछ राज्यों का कहना था कि उनके यहां आबकारी वर्ष मार्च से नहीं बल्कि दूसरी तिथियों से शुरू होता है। तेलंगाना ये 1 अक्टूबर से 30 सितंबर का है। इसे देखते हुए कोर्ट ने आदेश में बदलाव करते हुए कहा है कि जिन लोगों का लाइसेंस 15 दिसंबर से पहले नवीनीकरण हुआ था वे लोग लाइसेंस की अवधि पूरी होने या फिर अधिकतम 30 सितंबर तक अपनी दुकाने चला सकते हैं।
कोर्ट ने शराब की दुकाने हाईवे से हटाने के लिए कुछ और समय देने की तमिलनाडु की मांग खारिज कर दी है। तमिलनाडु का कहना था कि उसके यहां प्राइवेट दुकानदार नहीं है राज्य सरकार की शराब की दुकाने चलाती है। हिमाचल प्रदेश ने भी पहाड़ी क्षेत्र होने की दुहाई देते हुए 500 मीटर की दूरी के नियम में बदलाव की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि 20000 तक की आबादी के म्यूनिसपल क्षेत्र में 220 मीटर की दूरी के नियम से उसकी समस्या दूर हो जाएगी।
हालांकि कोर्ट ने सिक्किम और मेघालय की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हाईवे पर 500 मीटर तक शराब की दुकाने न होने के नियम से पूरी तरह छूट दे दी है।
हाईवे पर होटलों में भी नहीं मिलेगी शराब
सुप्रीम कोर्ट ने होटलों और रेस्त्रांओ को भी छूट देने से इन्कार कर दिया। कहा कि उनका आदेश बिल्कुल साफ है और वैसा ही लागू होगा। होटल और रेस्त्राओँ को इससे छूट देने की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि इससे शराब पीकर गाड़ी चलाने पर रोक लगाने का उद्देश्य निष्फल होता है। मालूम हो कि अटार्नी जनरल ने कुछ राज्यों को दी कानूनी सलाह में कहा था कि सुप्रीमकोर्ट का आदेश सिर्फ शराब की दुकानों के बारे में है होटलों पर वो लागू नहीं होगा।