नई दिल्ली। यूपी में रायबरेली के ऊंचाहार में एनटीपीसी के पावर प्लांट में बुधवार को हुए भीषण हादसे के बाद प्लांट की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों को एनटीपीसी ने खारिज किया है। एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यह कहना गलत होगा कि प्लांट को जल्दबाजी में शुरू किया गया था। सिंह ने कहा कि प्लांट को दिसंबर 2016 में कमिशन होना था लेकिन वह मार्च 2017 में शुरू हुआ।
एनटीपीसी चेयरमैन ने उन आशंकाओं को खारिज किया कि प्लांट को जल्दबाजी में शुरू करने के चक्कर में सुरक्षा के इंतजामों का ख्याल नहीं किया गया। गुरदीप सिंह ने कहा कि पूरी जांच के बाद ही प्लांट को शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि प्लांट पर तैनात इंजिनियर काफी अनुभवी हैं। सिंह ने कहा कि प्लांट को 3 इंजिनियर हेड कर रहे थे और उनके पास 25 से 30 साल का अनुभव है।
हादसा क्यों हुआ और क्या इसके लिए लापरवाही जिम्मेदार थी, इस सवाल के जवाब में एनटीपीसी चेयरमैन ने कहा कि जांच समिति गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने सबसे सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एस. के. राय के नेतृत्व में जांच समिति गठित की है। वह एक महीने में जांच पूरी कर लेंगे। जांच रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी कहना अटकलबाजी होगी।’
बता दें कि ऊंचाहार एनटीपीसी में 500 मेगावॉट की यूनिट नंबर 6 के बॉयलर का स्टीम पाइप फटने से बुधवार को हादसा हुआ था। अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक हादसे में 200 से ज्यादा वर्कर्स घायल हुए हैं। बुधवार शाम लगभग 4 बजे हुए इस ब्लास्ट के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने पूरे परिसर को घेर लिया था। घायलों को इलाज के लिए रायबरेली, इलाहाबाद के साथ लखनऊ भेजा गया। कुछ घायलों का दिल्ली में भी इलाज हो रहा है।