दीपक ठाकुर :NOI।
भक्ति भी उस वक़्त मुसीबत बन कर सामने आ जाती है जब अपना कोई भक्ति की वजह से काल के गाल में समा जाता है।हर बार हमने ये देखा है मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रशासन बड़े बड़े दावे करता है कहता है कि पिछली दुखद घटनाओ को देखते हुए सरकार ने इस बार उससे भी अधिक चाक चौबन्ध व्यवस्था की है ताकि मूर्ति विसर्जन में किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटे, लेकिन हर बार इस दौरान कहीं ना कहीं से अप्रिय घटना सामने आ ही जाती है।जिसके लिए सीधे तौर पर प्रशासन ही कसूरवार समझा जाना चाहिए।
प्रशासन जब दावा करने में कोई कोर कसर नही छोड़ता तो वो उस ववत मौन क्यों रहता है जब विसर्जन के लिए गई भीड़ हादसे का शिकार हो जाती है और उसी भीड़ में कोई ना कोई मौत की नींद सो जाता है।क्या विसर्जन की जगह पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने में प्रशासन नाकाम रहता है जो ऐसे हादसे होते हैं या प्रशासन उनके जान माल की सुरक्षा इस लिए नही कर पाता क्योंकि भीड़ उस पर भारी पड़ जाती है?ये दो बातें ही जिम्मेदार है ऐसे हादसों की जो विसर्जन के दौरान होते है इनसे बचने का एक ही तरीका है
पहला तो ये के प्रशासन इसको लेकर सख्ती से काम ले और सुरक्षा के व्यापक इन्तेज़ामात करे और दूसरा ये के मूर्ति विसर्जन करने आई भक्तो की टोली खुद पर संयम रख कर काम करे क्योंकि जोश में होश खो देने से ही दुर्घटनाएं होती है जो सिवाए तकलीफ के और कुछ नही देती।