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Friday, September 20, 2024

हार्दिक के आंदोलन का खर्च उठाएगी कांग्रेस, क्या हुई है सौदेबाजी



अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कन्वीनर का कांग्रेस में शामिल होने के पीछे काफी बड़ी सौदेबाजी हुई है। एक तरफ तो हार्दिक ने 40 पाटीदारों को टिकट देने की मांग की है। दूसरी ओर हार्दिक के आंदोलन का खर्च भी कांग्रेस ने उठाना शुरू कर दिया है। यदि कांग्रेस की सरकार बनती है, तो हार्दिक को सत्ता की भागीदारी भी सौंपी जा सकती है। हार्दिक-कांग्रेस में सौदेबाजी…
गुजरात विधानसभा चुनाव में हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश ये तीन युवा ऐसे हैं, जो पूरा परिदृश्य बदलने में सक्षम हैं। इसमें अल्पेश तो कांग्रेस में शामिल भी हो चुके हैं। परंतु हार्दिक और जिग्नेश अभी तक किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। दूसरी ओर हार्दिक पटेल, और की मुलाकात से यह साफ हो गया है कि हार्दिक अपने आंदोलन के दौरान भाजपा विरोधी प्रचार करेंगे। इसके लिए हार्दिक-कांग्रेस के बीच सौदेबाजी हुई है। ऐसा हार्दिक के निकटतम साथियों का कहना है।
कांग्रेस से बाहर से हाथ मिलाया है हार्दिक ने
गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान हुए अत्याचार और अन्याय के मामले में हार्दिक पिछले 3 साल से आंदोलन चला रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव की तारीखें तय हो गई हैं, तो हार्दिक का मानना है कि पाटीदारों को सत्ता में अधिक भागीदारी मिले, इसके लिए हार्दिक अब अधिक प्रयास कर रहे हैं। उसके लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो गए हैं, इसलिए उसने कांग्रेस से बाहर से ही हाथ मिला लिया है। इस चुनाव में भाजपा समर्थित पाटीदारों को हराने के लिए हार्दिक बहुत मेहनत कर रहे हैं। पाटीदारों को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व मिले, इसके लिए उसने कांग्रेस से समझौता किया है। हार्दिक ने 40 पाटीदारों को कांग्रेस का टिकट मांगा है। इन्हें जिताने की जिम्मेदारी भी हार्दिक ने ले ली है। इस तरह से वे किंग मेकर भी भूमिका में भी होंगे।
हार्दिक के आंदोलन का खर्च कांग्रेस के जिम्मे
विधानसभा चुनाव के समय हार्दिक के साथ वरुण और रेशमा पटेल का भाजपा में शामिल हो जाने से कई पाटीदारों ने राजनीतिक परिस्थितियों के चलते हार्दिक के आरक्षण आंदोलन का समर्थन देना बंद कर दिया है। इसलिए हार्दिक अपने आंदोलन का खर्च का भार नहीं उठा पा रहे हैं, इसलिए परदे के पीछे से उसके आंदोलन का खर्च का जिम्मा कांग्रेस ने उठाना शुरू कर दिया है। इसलिए हार्दिक के आंदोलन के पीछे भीड़ जमा करना एवं अन्य खर्चों को कांग्रेस ने वहन करना शुरू कर दिया है।
सत्ता में भागीदारी
हार्दिक की योजना है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो पाटीदारों को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व मिले, यही नहीं, उनका आदमी ही उपमुख्यमंत्री पद को सुशोभित करे। यह सब होने के बाद ही वे कांग्रेस से सीधे जुड़ेंगे। तब तक वे ऐसी ही गोटियां फिट कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस उनके चंगुल में रहे।

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