लखनऊ. जातीय हिंसा के बीच मायावती को सहारनपुर जाने की इजाजत देने पर ने डीजीपी सुलखान सिंह को फटकार लगाई थी। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में योगी ने कहा, ”मैंने डीजीपी से पूछा- जिन लोगों ने जिंदगीभर जातिवाद को बढ़ावा दिया, उन्हें ऐसे माहौल में सरकार को विश्वास में लिए बगैर वहां क्यों जाने दिया? प्रदेश के अफसरों की फैसले लेने की ताकत खत्म हो गई है। मूर्खतापूर्ण फैसले लेने पर हमने डीएम और एसएसपी को सस्पेंड कर दिया।” बता दें कि 23 मई को वेस्ट यूपी के सहारनपुर में सवर्ण और दलितों के बीच हिंसा हुई थी। तब मायावती ने इस इलाके का दौरा किया था। इसके बाद फिर से हिंसा भड़क गई थी। मायावती से क्या उम्मीद कर सकते थे…
– इंटरव्यू में योगी ने कहा, ”एक पूर्व मुख्यमंत्री के जातीय हिंसा के वक्त सहारनपुर जाने से वहां हालात और बिगड़ गए थे। तब डीजीपी ने कहा कि डीएम-एसएसपी के मुताबिक वहां ऐसा कोई माहौल नहीं था।”
– मैंने डीजीपी से कहा- ”क्या मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं आप? जो हमेशा जातिवाद को बढ़ाते रहे, क्या वे वहां जाकर शांति का उपदेश दे सकते हैं। अगर उनका (मायावती) जाना इतना ही जरूरी था तो उन्हें दिल्ली से हेलिकॉप्टर से ले जाते।”
सरकार में आने से पहले आराजकता थी
– योगी ने कहा- ”यूपी की एक पीढ़ी ऐसी है जिसने सुशासन देखा ही नहीं। आज हमारे एसपी, डीएम जिन्होंने 15 सालों से प्रदेश में काम किया है, इन्होंने कभी खुद अपने दिमाग से फैसला नहीं लिया। इसके चलते उनकी ये ताकत खत्म हो गई थी। हमने अफसरों से कहा कि अब आप फैसले लें और लोगों के प्रति संवेदनशील बनें। अब बदलाव हो रहा है।”
– ”जब हम सत्ता में आए तो प्रदेश में आराजकता का माहौल था। हमने कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया। इससे खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं होगी।”
– ”सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की। इससे पशु तस्करी रुक गई। दूसरी ओर, एंटी रोमियो कैम्पेन में महिलाओं का सपोर्ट मिला। कई संगठनों ने हल्ला मचाया, लेकिन ये जरूरी था।”