लखनऊ, दीपक ठाकुर। काम बोलता है ये सिर्फ नारा ही नहीं बल्कि अखिलेश की पांच साल की मेहनत है जिसके बल पर सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनता के सामने दोबारा सेवा का अवसर मांगने की जद्दोजहद कर रहे हैं ।
हालांकि काम बोलता है ये बात विपक्षियों को नहीं भा रही जिसकी वो आलोचना भी कर रहे है कोई इसे सरकार के कारनामें घोषित करने में लगा है तो कोई कहता है कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता को ठगा है।
इसी मुद्दे पर दो दोस्तों के अलग अलग बयानों ने ये विवाद और गहरा दिया है के क्या वाकई अखिलेश ने प्रदेश में कोई काम नही किया या सिर्फ चुनावी परिवेश में ऐसा कह कर वोट पाना ही उन पार्टियों का उद्देश्य है।
हम बात कर रहे है भाजपा और शिवसेना की जहाँ एक और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व हमारे प्रधानमंत्री हर जनसभा या यूँ कहें कि जहाँ भी मौका मिलता है वो ये कहने से बाज नहीं आते की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में काम नहीं कारनामे किये है जिसका जवाब जनता देगी वो तो यहाँ तक मान बैठे हैं कि 11 मार्च के जो चुनावी परिणाम होंगे वो समाजवादी के खिलाफ और भाजपा के पक्ष में होंगे पर ऐसा क्या वास्तव में सही है ये बात कोई दुश्मन कहे तो ठीक भी है पर अपने ही इसके खिलाफ बोलें तो इसको क्या कहा जायेगा सत्यता या चुनावी स्टंट आप खुद ही फैसला कीजिये।
शिवसेना ने भाजपा के विपरीत ये बयान दिया है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार ने जो काम किये है वो काबिलेतारीफ हैं अब ऐसे में कोई कैसे कह सकता है कि काम बोलता है अखिलेश का स्लोगन गलत प्रचार है तो ये बात कैसे हजम होगी ।