दीपकठाकुर, न्यूज़ वन इंडिया। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना एक ही सिक्के के दो पहलू माने जाते हैं महाराष्ट्र में इनकी जोड़ी का कोई सानी भी नही है मगर ऐसा ज़रूरी नही के साथ होने पर विरोध नही होगा गलत को गलत कहने का माद्दा शिवसेना में है जो उसने साबित भी कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार की नीतियों को लेकर भले ही अपनी पीठ थपथपाए पर विरोधी दलों के साथ साथ उनके अपनो को भी लगता है कि महंगाई के मुद्दे पर ये सरकार पूरी तरह फेल है अगर ना होती तो आम जनता के अच्छे दिन आ गए होते वो महंगाई की मार ना झेल रही होती क्योंकि वक़्त काफी गुज़र गया आपकी सरकार बने।
शिवसेना ने इसी महंगाई के मुद्दे को सरकार के सामने अपने अंदाज में रखा और सड़कों पर उतर गई है तस्वीरे वही दिख रही है जो कांग्रेस सरकार के वक़्त थी पर इस बार बचाव में वो पार्टी है जो सड़को पर थी।पेट्रोल के दाम रसोई गैस के दाम और ज़रूरी सामनो के दाम जिस तरह मुह फाड़ते जा रहे हैं उससे तो वास्तव में यही लगता है कि शिवसेना का कहना सही है नही चाहिए अच्छे दिन कोई लौटा दे बीते हुए दिन।
शिवसेना काफी समय से केंद्र सरकार को महंगाई के लिए कोसने का काम कर ही रही थी और हिदायत भी दे रही थी कि अगर सरकार का ध्यान जल्द इस तरफ नही गया तो आंदोलन होगा लगता तो यही है कि अब शिवसेना ने अपने दोस्त को सबक सिखाने की ठान ही ली है उसके इस आंदोलन से सरकार के विरोधियों के हौसले और भी बुलन्द होंगे साथ ही भाजपा सरकार को अपना पक्ष रखने में और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।