लखनऊ, दीपक ठाकुर।बहुजन समाज पार्टी लगभग शून्य पर आ चुकी है ऐसा हम नही उस पार्टी में मचा घामासन और बीते चुनावो के परिणाम बता रहे है।विधान सभा चुनाव में मिली करारी हार और नसीमुद्दीन के आरोपों ने बहन जी को झकझोर के रख दिया शायद उनको इस बात का अंदाज़ा नही रहा होगा कि पार्टी में उनका खास मुलाज़िम नसीमुद्दीन जिस तरह नरमी के साथ बहन जी आदेश करें कहते थे वो उनके आदेशों को समेट के भी रखते होंगे अगर उनको पता होता तो नसीमुद्दीन के निष्कासन से पहले वो सौ बार सोचती खैर बहन जी से दो हाथ आगे निकले नसीमुद्दीन ने ना सिर्फ बहन जी पर आरोपों की झड़ी लगाई बल्कि प्रमाण दे कर उनकी छवि को तार तार करने में कोई कसर नही छोड़ी जिससे पार्टी में और राजनैतिक गलियारे में घामासन मचा हुआ है।
अब इसपर पानी कैसे डाला जाये बहन जी उसी उधेड़बुन में लगी है जिसकी झलक उनकी प्रेस कांफ्रेंस में दिखाई देगी। नसीमुद्दीन के संगीन आरोपों पर उनका जवाब क्या होगा इसके बस कयास ही लगाये जा सकते है वो ये की बहन जी कहेंगी की पार्टी से निष्कासन होने की वजह से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है जिस वजह से वो मुझ पर बे बुनियाद आरोप लगा रहे हैं वो कहेंगी की पार्टी के नाम पर पैसा वसूली बंद होने की वजह से नसीमुद्दीन उन पर दबाव बना रहे हैं जिसमे वो आने वाली नही साथ ही बहन जी ये भी कह सकती हैं कि टेप में आवाज़ उनकी है ही नही।
तो जाहिर तौर पर ऐसी ही बातों से बसपा सुप्रीमो अपना बचाव करती दिखाई देंगी क्योंकि ऐसा पहली बार नही हुआ है जब किसी पर संगीन आरोप लगे हों और उसका ऐसा ही जवाब ना दिया गया हो पर यहां सवाल ये उठता है कि क्या वाकई राजनीति का एक चेहरा इनता गंदा और घिनोना है जिसमे जाते ही व्यक्ति की चाहत रंगत और हरकत में अविश्वसनीय बदलाव आ जाता है जनता के नाम पर वोट मांगने जनता को ही भूल कर अपनी संपत्ति खड़ी करने की रेस में लग जाते हैं धन्य हैं।