नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक फैसले ने जहां पूरे देश में साम्प्रदायिकता और हिंदूवादी विचारधारा को लेकर बवाल खड़ा कर दिया है, वहीं विद्रोह की आग अब पार्टी में बिखराव पैदा कर रही है। बता दें सोमवार को भाजपा के एक और नेता ने बीफ प्रतिबंधित होने का विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनका कहना है कि बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है जिसे हम बदल नहीं सकते। साथ ही किसी को भी यह अधिकार भी नहीं कि हम जबरन ऐसा कोई नियम थोपा जाए। इससे पहले पश्चिम गारो हिल्स जिला के अध्यक्ष बर्नार्ड मार्क ने भी इसी कारण से पार्टी को चार दिन पहले इस्तीफा सौंप दिया था।
ख़बरों के मुताबिक़ उत्तरी गारो हिल्स जिला के भाजपा अध्यक्ष बाचू मारक ने सोमवार (5 जून) को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बाचू ने कहा, ‘‘मैं गारो की भावनाओं से समझौता नहीं कर सकता। एक गारो के नाते यह मेरा दायित्व है कि अपने समुदाय के हित की रक्षा करूं।
उन्होंने कहा कि बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। भाजपा का गैर-धर्मनिरपेक्ष विचारधारा हमपर थोपना स्वीकार्य नहीं है।’’ उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिबून लिंगदोह को सौंप दिया।
इससे पहले पिछले हफ्ते बीजेपी नेता बर्नाड मारक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 10 जून को एक बीफ पार्टी भी रखी है जिसमें बाचू मारक के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं लिंगदोह बाचू की बात से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बाचू ने लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसा बयान दिया।
उनका कहना है कि पार्टी संविधान से परे जाकर कोई फैसला नहीं ले सकती। पीएम मोदी द्वारा लिया जाने वाला फैसला देश हित में ही है। वे हमेशा देश की उन्नति और विकास के बारे में सोचते हैं।
उनका कहना है कि विपक्ष डरा हुआ है। साल 2019 में भाजपा की जीत तय है। इसलिए वे पार्टी में फूट डालने का काम कर रहे हैं।