अलीगढ़। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि जिस दिन भाजपा की सरकार बन गई तो सूबे में दूध की नदियां बहेंगी। इसके बाद चुनाव हुआ और भाजपा को झोली भरकर वोट मिले। सूबे के सीएम के लिए योगी आदित्यनाथ का नाम सर्वसम्मति से सामने आया। योगी आदित्यनाथ के शपथ लेते ही राज्य में सबसे पहले बूचड़खानों पर चाबुक चला और चिकन मटन तक की दुकानें बंद करा दी गईं।
अवैध बूचड़खाने और दुकानें बंद कराने के बाद हजारों लोगों का रोजगार ठप हो गया। उस समय मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर उतरे थे, लेकिन अब हिंदुवादी संगठन योगी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। मामला अलीगढ़ का है।
यहां अखिल भारत हिंदु महासभा के कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन किया। हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने सूबे की योगी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन्होंन पहले बूचखानों पर ताले जड़े अब उन्हीं की जुबान पर क्यों ताले पड़े हैं।
दरअसल यह प्रदर्शन अल हलाल नाम के कट्टीघर को शुरू करने को लेकर किया गया। इसमें शामिल अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय ने कहा कि सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद कहा गया था कि सभी अवैध और यांत्रिक बूचड़खाने बंद किये जाएंगे। 10 दिन में बूचड़खाने बंद भी करा दिए गए थे। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि 4 जून को एक बूचड़खाने का शुभारंभ किया गया है। यह बूचड़खाना इटावा की कोई कंपनी चला रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि भी कट्टीघर बंद कराने के लिए प्रदर्शन करते थे उनके मुंह पर भी अब ताले लगे हुए हैं और कोई भी उसके विरोध में बोलने को तैयार नहीं है। हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि जब आपने सरकार बनने से पहले और बाद में सभी तरह के बूचड़खाने बंद कराने का वायदा किया था तो यह बूचड़खाना कैसे खुला। उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार का संरक्षण बताया। कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट ऑफिस में सीएम योगी के नाम ज्ञापन भी सौंपा।