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Tuesday, September 10, 2024

​इस फायरब्रांड पूर्व मंत्री को मिलेगा यूपी बीजेपी का जिम्मा… मोदी-शाह ने लगा दी मुहर !

भैयाजी जोशी और दत्तात्रेय होसबले ने यूपी बीजेपी के नये अध्यक्ष को लेकर पार्टी प्रभारी ओम माथुर से चर्चा की है।

अपने बेबाक बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया यूपी बीजेपी के नये अध्यक्ष हो सकते हैं, बीजेपी सूत्रों का दावा है कि आरएसएस ने कठेरिया का नाम इस पद के लिये बढ़ाया है, भैयाजी जोशी और दत्तात्रेय होसबले ने यूपी बीजेपी के नये अध्यक्ष को लेकर पार्टी प्रभारी ओम माथुर से चर्चा की, इस चर्चा में कई नामों पर बातचीत की गई, बीजेपी-संघ का फॉर्मूला है कि सरकार के साथ-साथ संगठन को भी साध कर रखा जाए, यानी सरकार योगी आदित्यनाथ के हवाले है, तो फिर संगठन में किसी पिछड़े या दलित चेहरे को आगे लाया जाए।
आपका बता दें कि मोदी सरकार में मंत्री रह चुके राम शंकर कठेरिया ब्रज इलाके के दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वो संघ और बीजेपी के जातिगत समीकरणों में भी बिल्कुल फिट बैठते हैं। इस वजह से वो रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। यूपी बीजेपी के नये अध्यक्ष के नाम पर बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा, हमारी पार्टी एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत पर चलती है, जब केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम बन चुके हैं, तो उनके जगह पर जल्द ही किसी योग्य व्यक्ति को बिठाया जाएगा, जो पूरी पार्टी को एक साथ लेकर चले। इसके लिये टॉप लीडरशिप से लेकर निचले स्तर तक काम किया जा रहा है।

2017 यूपी विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड बहुमत को बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव में भी दुहराना चाहती है, यही वजह है कि मोदी और शाह हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं, साल 2013 में जब मोदी अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनवाया था, तभी सब को ये बात समझ आ गई थी, कि मोदी यूपी की राजनीतिक मायने जानते हैं, यही वजह है कि वहां होने वाला कोई भी नियुक्ति बिना उनकी इजाजत के नहीं होती। बीजेपी अब सिर्फ अगड़ों की पार्टी नहीं रह गई है, पिछले दो चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) में यूपी में बीजेपी को दलित और पिछड़ा वर्ग ने भी खूब वोट किया, यही वजह है कि मोदी-शाह चाहते हैं कि इसे आगे भी बरकरार रखा जाए।

यूपी के राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि यहां बिना जातिय समीकरण के कोई काम नहीं होता, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ राजपूत समुदाय से विलांग करते हैं, तो डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं, और दूसरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी से आते हैं, ऐसे में सरकार में तो तीनों को अगड़ा और पिछड़ा दोनों को साध लिया, ऐसे में दलितों की अनदेखी करनी ठीक नहीं, पूरा बैलेंस बनाने के लिये संगठन की जिम्मेदारी दलित वर्ग के किसी चेहरे को देने पर विचार चल रहा है। ऐसे में राम शंकर कठेरिया सबसे उपयुक्त नाम माने जा रहे हैं, क्यों कि उन्हें फायरब्रांड नेता माना जाता है, साथ ही वो आरएसएस और अमित शाह के भी करीबी हैं।

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