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Friday, September 20, 2024

​इस महापर्व की तो छुट्टी वाजिब थी सरकार…

दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। सूर्य भगवान की उपासना करने वाला छठ पर्व श्रद्धा भाव के साथ सम्पन्न तो हुआ पर सुबह के वक़्त घाट का जो नज़ारा था उससे ये लगा कि मासूमो की मुस्कुराहट छीन ली है हमारी सरकार ने।जैसा कि हम सब जानते हैं कि छठ पर्व पूर्वी क्षेत्र का प्रचलित और महापर्व है जो जितना कठिन है उतना ही रोचक भी है।

कठिन उनके लिए जो 36 घण्टो का निर्जल व्रत रख कर अपने परिवार और समाज का कल्याण भगवान सूर्य को मना कर मांगती हैं वही दूसरी तरफ रोचक परिवार के उन छोटे बच्चों के लिए जो पूरे परिवार के साथ घाट पर जा कर सूर्य की उपासना के बाद माहौल का आनंद उठाने के लिए नए नए आयोजन करते है।

इसी तरह शाम के अर्घ के बाद सूर्योदय के वक़्त जब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है तो घाट पर बच्चों की अच्छी खासी भीड़ रहती है सभी वहां पटाखे फोड़ कर माहौल को और खुशनुमा बनाने में लगे रहते हैं मगर उनको चिंता इस बात की रहती है कि कहीं उनके कपड़े ना खराब हो जाये ऐसा इसलिए के सुबह के कपड़े उनकी स्कूल ड्रेस होती है जो पहन कर आना उनकी मजबूरी होती है क्योंकि सुबह स्कूल जो खुले होते हैं।

गोमती सहित कई घाटों पर आज बच्चे स्कूल की ड्रेस पहन कर आये वही कुछ बिना ड्रेस क्योंकि उन्होंने मन बना लिया था कि त्योहार को इंजॉय करेंगे स्कूल नही जाना पर जिनको जाना था वो यही कह रहे थे कि इतना मज़ा आता है छठ में सब साथ होते हैं पर सरकार छुट्टी ही नही देती जाना मजबूरी है यही कह के बच्चे मायूस होकर घाट से निकल गए स्कूल के लिए मगर परिवार घाट पर ही रहा पूजा सम्पन्न कराने के लिए तब लगा कि वाकई माहौल की मुस्कुराहट गुम हो गई है अभिभावक भी कहने लगे अखिलेश सरकार ने छुट्टी दी थी मगर योगी जी ने छीन ली जिसका दुख है क्योंकि त्योहार की रूपरेख देख कर निर्णय लिया जाता तो बच्चे मायूस ना होते।

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