लखनऊ, दीपक ठाकुर। आज के समय मे किसी का कुछ गुम हो जाये तो वो सकुशल वापस मिल जाना बड़ी किस्मत की बात समझी जाती है क्योंकि जो कुछ पाता है वो या तो उसे ठिकाने लगा के पैसा कमा लेता है या फिर उसको नष्ट कर देता है मगर उस इंसान को वापस नही देता जो असल मे उस सामान के खोने से कितना परेशान होता है।मगर ठाकुर गंज में आज एक स्वीपर ने जो काम किया है उससे यही लगता है कि ईमानदारी अभी भी जिंदा है।
ठाकुरगंज की लालकोलनी में साफ सफाई का काम करने वाला ये वही राजेन्द्र नामक व्यक्ति है जिसको आज सुबह सफाई करते वक़्त एक मोबाईल मिला डबल सिम वाला मोबाईल एंड्राइड तो नही था पर उसकी कीमत उस व्यक्ति के लिए काफी होगी जिसका ये गिर गया था क्योंकि फोन में जो नम्बर होते है उनके जाने का दुख मोबाईल जाने से कहीं ज़्यादा होता है।खैर जब ये मोबाईल राजेन्द्र को मिला तो उसने पहले तो इसे अपने पास इस नियत से रखा के इसपर आई काल को बता कर उनसे कहे कि आपका मोबाईल मुझे मिला है इसे आकर ले जाइए ऐसा अमूमन होता नही है आजकल तो मोबाइल दूसरे के हत्थे लगते ही स्विच ऑफ हो जाया करते हैं क्योंकि लोगों की नीयत उसे वापस करने की नही होती।
काफी देर जब उसपे कोई कॉल नही आई और राजेंद्र को दूसरी जगह सफाई भी करने जाना था तो उसने इस पाये हुए मोबाईल को वही की एक दुकान गुप्ता भोजनालय पर ये कह के रखवा दिया कि ये किसी का पड़ा हुआ मिला है कोई आये तो दे देना।
मोबाईल गुम हुए व्यक्ति की बात पर जब हमने क्षेत्र में मोबाईल खोने की बात लोगो के सामने रखी तब हमको राजेन्द्र का पता चला फिर वो हमको गुप्ता भोजनालय खुद लेकर गया और मोबाईल हमारे हैंड ओवर कर दिया जिसे हमने उस शख्स को वो मोबाईल वापस कर दिया उन्होंने मोबाईल मिल जाने की खुशी जाहिर करते हुए राजेन्द्र का भी धन्यवाद किया और कहा कि उम्मीद नही थी कि ये मिल जाएगा।
वाकई आज मोबाईल ऐसी ज़रूरत बन गई है जो आपको हमेशा ही महसूस होती है और अगर ये गुम हो जाये तो आप बेचैन हो जाते है और इसे पाने वाला तुरंत आपके सिम निकाल कर उसे रख लेता है मगर स्वीपर राजेन्द्र ने ये साबित कर दिया कि उसे अपनी मेहनत पे भरोसा है बदनीयती उसके पास नही है सही में राजेंद्र ने ये साबित कर दिया कि ईमानदारी अभी भी जिंदा है।