गाजियाबाद। वैसे तो भाजपा वालों के थाने जाने पर संगठन की ओर से ही पाबंदी है। स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भाजपा नेता बिना संगठन की अनुमति के किसी की पैरवी में थाने नहीं जाएगा। अगर कोई भूला भटका नेता चला भी गया तो उसका नेतागिरी का खुमार पुलिस उतार रही है। कुछ ऐसा ही हुआ मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र के एक थाने में। एक युवा भाजपा नेता ब्राहमण समाज से हैं।
इन युवा नेता को पढ़ाई की उम्र में राजनीति का चस्का लग गया है। ये वो नेता हैं जो महानगर में अध्यक्ष के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर देते हैं। कुछ दिन पहले जब दुर्गा मंदिर पर जेसीबी चालक को मुर्गा बनाया गया था तो गले में गमछा डाले यही नेता जी फोटो में सबसे आगे थे। लखनऊ में भी रैली के दौरान पुलिस से उलझ चुके हैं। आजकल गौ सेवा का भी शौक चढ़ा हुआ है। बताते हैं कि नेता जी के किसी जानकार का झगड़ा हो गया। मामला थाने तक पहुंच गया। अब जब राजनीति करनी है तो सिफारिश में भी जाना पड़ेगा। बताते हैं कि युवा नेता अपने जानकार की सिफारिश में थाने पहुंचे। यहां उन्होंने अपना परिचय दिया और इसके बाद ना जाने कहां से बात बिगड़ी और थानेदार के होटो पर गालियां आ गयी। नेता जी को थानेदार ने पहले तो जमकर हड़काया और उसके बाद थाने से भगा दिया। थाने के सूत्र बताते हैं कि शुक्र ये है कि उसी समय कोई आ गया था वरना नेता जी पिटते भी और बंद भी होते। वैसे नेता जी की कोई गलती नहीं थी। स्वभाव से सीधे हैं इसलिए थाने चले गए थे सिफारिश करने के लिए। वहीं थानेदार का मिजाज भी कड़क बताया जाता है और सुना है कि बहुत अधिक सामाजिक और व्यवहारिक भी नहीं है। खैर थानेदार के हाथों बेआबरू होकर नेता जी तो वापिस आ गये लेकिन जब से बात उनके विरोधियों को पता चली है तब से चर्चा ने स्पीड पकड़ ली है। एक ने तो कह भी दिया कि हर बात पर एक फोटो सोशल मीडिया पर डालते हैं, अब जब थानेदार ने भगाया था तब भी तो एक सेल्फी थाने के बाहर की बनती थी। जिसमें लिखा तो जा ही सकता था कि थानेदार से हुआ विवाद, नेता जी आॅन सोशल मीडिया विद 70 लोगों के साथ।