शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के द्वारा कर्ज माफी का किया गया वादा किसानों को रास नही आ रहा है क्योंकि उनके कर्ज के हिसाब से बहुत कम रुपयों का कर्जमाफी प्रमाण पत्र दिया जा रहा जिससे उन किसानों के चेहरों पर खुशी की जगह उदासी देखी जा रही है।
बताते चलें कि जनपद की तहसील निघासन में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऋण मोचन कार्यक्रम के तहद जिला पंचायत इंटर कालेज में एक विशाल कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें तहसील से करीब दो हजार किसानों को प्रमाण पत्र बांटने थे।
इसी बीच सरपतहा के किसान माता प्रसाद का नाम भी कर्जमाफी की सूची में था तो जाहिर सी बात है कि माता प्रसाद भी अपने नाम बोले जाने के इंतजार में होंगे मगर जब माता प्रसाद को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र लेने के लिए बुलाया गया तो कर्जमाफी की धनराशि देखकर माता प्रसाद का माथा सिमट गया क्योंकि माता प्रसाद का सरपतहा मंजरा मुडाबुज़ुर्ग में स्थित इलाहाबाद बैंक में 85 हजार रुपये का कर्ज था मगर कर्जमाफी के प्रमाण पत्र में मात्र 637.35 रुपये का कर्ज माफ हुआ जिससे किसान के पैरों तले जमीन खिसक गई और किसान ने गुस्से में आकर ये बोलते हुए की जो कर्ज माफ हुआ है वो पैसे भी सरकार को वापस कर देगा इतना कहकर किसान ने प्रमाण पत्र फाड़ दिया।
बेचारा कर्जमाफी की आस लगाकर आया किसान बेबस लाचार उदास होकर अपने घर वापस लौट गया जिससे ये वाक्या क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।