भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध नही हो रहा है पर गोला बारी दोनो तरफ से जारी है।पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से हमारे देश के जवान और बेगुनाह लोगो को अपनी गोली का शिकार बना कर बना कर अपनी पीठ थपथपाता है तो वही हमारे देश मे उस एक सर्जिकल स्ट्राईक की दुहाई दे कर मेज थपथपाने वालो की कमी नही है ये वही लोग हैं जो सत्ता में आने से पहले अपने शब्दों से पाकिस्तान को नक्शे से मिटाने की बात करते थे।
आज भी पाकिस्तान एलओसी पर नापाक हरकत उसी अंदाज में कर रहा है जैसा वो उसी सर्जिकल स्ट्राईक के बाद करता था लेकिन अफसोस इस बात का है कि एक के बदले 50 सिर लाने की बात करने वाले लोगों के पास अब करने को कुछ नही रह गया अगर कुछ ठोस किया होता तो हमारे देश के जवान इस तरह शहीद ना होते।
भारत पाकिस्तान से बात नही कर रहा पर हां व्यापार बदस्तूर जारी है पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राईक से बिल्कुल नही सहमा इसी लिए उसकी नापाक हरकत जारी है लेकिन हमारी सरकार चाहे केंद्र की हो या जम्मू काश्मीर की वो पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब क्यों नही दे पा रही ये बात हर भारतवासी जानना चाहता है।
आज जिस तरह एक कैप्टन सहित चार जवान भारत ने खोए है उससे हर हिंदुस्तानी का दिल रो दिया है मगर हमारे देश के नेताओ पर उसका कोई वास्तविक दुख हो ऐसा दिखाई नही देता अगर वास्तव में होता तो राज्यसभा में जब अमित शाह सर्जिकल स्ट्राईक पर भाषण दे रहे थे तो मेज ना थपथपाई जाती बल्कि सारा माहौल गमगीन होता।
अफसोस होता है देश की ऐसी राजनीति पर जो जवान की शहादत का कारण जानने के बावजूद उसका निराकरण नही कर पा रही है।आज विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार को उनके कहे पुराने जुमले सुना सुना कर शर्मिंदा कर रही है लेकिन सरकार है जो उस एक सर्जिकल स्ट्राईक पर अपनी शेखी बघार रही है।कौन सी थी वो सर्जिकल स्ट्राईक जिसने पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर कोमा भी नही लगाया और पाकिस्तान आज भी हमको अपनो पर रोने का मौका देता जा रहा है।सवाल यही है कि अब नही तो कब??