लखनऊ, इरफ़ान शाहिद। लखनऊ विकास प्राधिकरण कोई भी आवासीय योजना प्रारम्भ करता है तो मानक के आधार पर उसको सौ प्रतिशत खरा उतार कर ही ज़मीन पर उतारता है उसके आदेश का पालन ना करने वालों पर विभाग सख्त कार्यवाही भी करता है मगर सवाल यही से पैदा होता है कि क्या एलडीए सिर्फ आम लोगों के लिए ही कोई मानक तय करता है या विभागीय लोगो पर भी इसको लागू किया जाता है तो जवाब है नही विभागीय लोगों को इससे कोई सरोकार नही होता अगर होता तो खुद ही अपने मानकों की धाज्जियां ना उड़ाई जाती।
आपने सुना होगा कि एलडीए योजना में एक ग्रीन बेल्ट होती जिसका मतलब होता है वो एरिया पूरी तरह से हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हो उस जगह पर कोई अवैध निर्माण ना हो पर सहारा स्टेट के पास या कहीं भी अगर आप संजीदगी से नज़र दौड़ाएंगे तो आपको दिखेगा के कैसे ग्रीन बेल्ट पर इन्ही के स्टाफ कर्मचारियों और अधिकारियों का अवैध निर्माण खुद इनके मानकों को मुह चिढ़ाता नज़र आ रहा है।
विभाग में काम करने वाले सम्मानित सदस्य शायद अपनी पहुंच के बल पर ऐसा निर्माण करने से ज़रा भी नही हिचकिचाते क्योंकि उन्हें मालूम है कि विभाग की कार्यवाही और उसके द्वारा बनाये गए मानक से उनको कोई फर्क नही पड़ता।अगर वाकई एलडीए सभी शहर वासियों के लिए एक ही मानक तय करती है तो ऐसे निर्माणों पर बुलडोजर क्यों नही चलवाती क्या इसलिए के विभागीय लोगों को विभाग में बने रहने की छूट देने का भी प्रावधान है अगर नही तो जाइये देखिए शहर में आपके द्वारा ही बनाये गए ग्रीन बेल्ट पर आपके ही विभाग के आलाअफसरों की तख्तियां क्यों लगी पड़ी है।