बहराइच(अब्दुल अज़ीज़):NOI। प्रदेश सरकार के हाई प्रोफाइल उपक्रमों में से एक यू पी रोडवेज द्वारा नेशनल हाई वे 28 सी बहराइच-लखनऊ राज्य मार्ग पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यात्री हितों में इस मार्ग पर ए सी बसें चलाने का फैसला लिया गया था जो विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते मात्र छलावा साबित हो रही है और इस छलावे के बीच यात्रियों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने से कम नही दिख रहा है।सर्वेक्षण के मुताबिक बहराइच-लखनऊ राज्य मार्ग स्थित हाई वे के निर्माण को देखते और इस रूट पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तत्कालीन सपा मंत्री यासर शाह के प्रयासों से इस मार्ग पर लखनऊ से लेकर रुपईडीहा तक वॉल्वो और ए सी बसों के संचालन को अनुमति प्रदान कर इन आधुनिक तकनीक की बसों का संचालन शुरू कराया गया था लेकिन अफसोस प्रदेश के पिछड़े जनपद बहराइच का दुर्भाग्य है कि इस सेवा के परवान चढ़ते ही ये भरष्ट विभागीय प्रशासन की भेंट चढ़ गया जिसके नतीजे में लखनऊ से रुपईडीहा के लिये चलाई गई वॉल्वो बस धीरे धीरे करके बन्द हो गयी और बहराइच के लिये चलने वाली ए सी बसों की व्यवस्था में विभाग के ही एक कर्मचारी को बसें लगाने का ठेका मिल गया जिसके द्वारा इस रूट पर यू पी रोडवेज के अधीन होकर ए सी बसों को संचालन शुरू हो गया जो दिन में प्रत्येक एक घण्टे पर उपलब्ध रहती हैं लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि अण्डर टेकिंग में चलने वाली इन ए सी बसों की स्थिति कैसी है, तो हम आपको बताते चले कि इस मार्ग पर चले वाली अधिकांश ए सी बसें जर्जर और खटारा किस्म की हैं जिसकी ए सी मात्र दिखावे की है।जिनमे ज्यादातर की कूलिंग सिस्टम सामान्य ए सी बसों जैसी नही है और उनको बसों में लगे पंखों के सहारे चलाया जा रहा है दूसरे इन ए सी बसों के स्टाफ का भी यात्रियों से व्यवहार अच्छा नही रहता है क्योंकि इसके स्टाफ तेल बचाने के चक्कर मे ए सी को मात्र कुछ समय के लिए ही खोलते हैं जिससे अक्सर यात्रियों और बस स्टाफ से कहा सुनी होती रहती है।यही नही इन ए सी बसों में से कुछ ऐसी भी गाड़ियां हैं जो दूर से ही दखने में खटारा और डुप्लीकेट ए सी बस दिखाई देती हैं यहां तक कि इनमें लाइटें टूटी हैं तो उन्हें कई कई महीने बीत जाने के बाद भी ठीक नही कराया गया है और इनकी ऐसी दशा है कि इनकी चाल से बेहतर तो विभाग की लोहिया सेवा अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है मगर यात्रियों से ए सी का किराया वसूलने के बाद भी उन्हें समान्य सेवा से भी बदतर सुविधा मिल रही है।यात्रियों की इन तमाम असुविधाओं और कैसरबाग डिपो से लेकर बहराइच डिपो के अफसरों को जरा भी सुध बुध नही आ रही है कि वह इस महत्वाकांक्षी सेवा के सुधार में अपनी कोई रुचि लें।सूत्र तो ये भी बताते हैं कि ये सारी बसें कैसरबाग डिपो में काम करने वाले किसी स्टाफ की गाड़ियां हैं जो विभाग का कर्मचारी नेता भी है ने अपने रुतबे और पहुंच के बल पर इस रूट पर सरकारी ए सी बसों को लगवाने के बजाये अण्डर टेकिंग पर विभाग में अपनी खुद की गाड़ियां लगवा कर नियमों के विपरीत संचालन करा कर बहराइच के यात्रियों के साथ आर्थिक शोषण कर रहा है और उनके उच्चाधिकारी उसका समर्थन कर रहे हैं।