लखनऊ, दीपक ठाकुर। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ते हुए सत्ता पर काबिज हुए थे वो उसी में इतना रम गए है कि उनको उनके साथी ही कुर्सी छोड़ने की चुनौती दे रहे हैं।आपको याद ही होगा दिल्ली के मंत्री सतेंद्र जैन पर जो घोटाले का आरोप लगा उस पर मुख्यमंत्री जी ने उनका भरूपर साथ देते हुए इसे विरोधियों की साजिश करार दिया था पर वो घपला कोई साजिश नही थी बल्कि सतेंद्र जैन और अरविंद केजरीवाल की सोची समझी साजिश का एक हिस्सा थी जिसके चश्मदीद हैं कपिल मिश्रा जो उनकी पार्टी के भरोसेमंद विधयक हुआ करते थे पर कपिल के हमलावर तेवर के बाद अब कपिल केजरी के दुश्मनों में शुमार हो गए हैं।
कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को जो खत लिखा है उसे मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल और सतेंद्र जैन के खिलाफ उनके पास पुख्ता सबूत है जिसे वो सीबीआई को देने जा रहे है। अपने खत में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि केजरीवाल ने जनता को धोखा दिया है और अगर उनमे हिम्मत है तो इस्तीफ़ा दे कर चुनाव जीत के दिखाएं कपिल मिश्रा ने खुद की जान को भी खतरा बताया है।
ये पूरा मामला तो गंभीर है पर चोर कौन है और साहूकार कौन ये कहना राजनीति में बड़ा मुश्किल हैं। पर एक बात तो तय है कि कपिल मिश्रा ने केजरीवाल और सतेंद्र जैन के खिलाफ जो मोर्चा खोला है उससे आम आदमी पार्टी का अस्तित्व शंका के घेरे में आ गया है क्योंकि ये पार्टी दुसरो के भ्रष्टाचार पर हल्ला बोल कर जन समर्थन पाने में सफल रही थी पर जिस तरह उस पर खुद ही भ्र्ष्टाचार का आरोप लग रहा है उससे कहीं ना कहीं दिल्ली की जनता खुद को काफी ठगा हुआ महसूस कर रही होगी जिसकी बानगी दिल्ली में हुए चुनाव में दिखाई भी दी है।तो अब सवाल ये उठता है कि आम आदमी पार्टी की मंशा पहले से ही लूट खसोट की थी या राजनीति में कदम रखने के बाद उनमे ये बदलाव आया क्योंई अन्ना हजारे भी अरविंद से खफा हैं जो कभी उनके कंधे पे हाथ फेरा करते थे और अब उनके खास कपिल भी उन पर भ्र्ष्टाचार में लिप्त होने की बात कह रहे हैं वो भी डंके की चोट पर तो लगता है कि अरविंद को अब खामोशी का दामन छोड़कर सत्यता को उजागर करना चाहिए नही तो आम आदमी का आप से भरोसा उठेगा नही बल्कि टूट के बिखर जाएगा।