कानपुर: सियासत के ठेकेदारों ने भले ही वोटों की खातिर इंसानो को मज़हब के नाम पर बाटने की कोशिशें की हो। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इन्सानियत को बाटने वालों की कोशिशों को नाकाम साबित कर देते है। ऐसी एक मिसाल कानपुर मे देखने को मिली। जहां एक हिन्दू महिला रोज़ा रख रही है।
कानपुर शहर के श्यामनगर इलाके में रहने वाली महिला गीता शर्मा जो एक हिन्दू परिवार में जन्मी और शादी के बाद घरेलू महिला की तरह जिंदगी जी रही है। उनके पति प्रमोद शर्मा कई मुस्लिम खान्दानों से बेहतर ताल्लुकात रखते है। जिनसे मिलकर गीता भी काफी प्रभावित हो गई।
गीता शर्मा ने इस साल रमजान महीने में इबादत करने का मन बनाया और अब तक के सारे रोज़े, सहरी, इफ्तार उसी तरह से किया जैसे मुस्लिम करते है। उनका इरादा है कि वो इस माह के पूरे रोजे रखेगीं। उनके घर काम करने आने वाली मुस्लिम खानदान की बेटियों को बुला कर उनसे नमाज अता करनी सीखी और वक्त से नमाज़ अता करती और इफ्तार करती है।
गीता शर्मा का कहना है कि इबादत करने में कोई परहेज़ नही होना चाहिए। क्योंकि भले ही आज समाज में कुछ लोग ऐसे है जो लोगों को बाटने का काम करते है। लेकिन हम सब एक ही मालिक के बंदे है। गीता कहती है वे रोज भगवान की पूजा भी करती है और अल्लाह की इबादत भी करती है।