आपने जब से होश संभाला होगा तब से ही आपके कानों ने दूसरे धर्मों के लिए बुरे शब्द ही सुने होंगे। आप धीरे-धीरे समझने लगे होंगे कि अलग-अलग धर्मों के लोग कैसे अपने मन में एक गुस्सा लेकर घूमते हैं। आपके घरवालों ने भी कभी न कभी किसी खास धर्म के लोगों को लेकर आपको आगाह किया होगा और उनका मजाक बनाया होगा।
लेकिन फिर आपका एक नया दोस्त बनता है। जिसका धर्म आपसे अलग है। धीरे-धीरे आपको समझ में आने लगता है कि हर इंसान एक जैसा होता है और सारे धर्मों का मर्म एक ही है। लेकिन फिर आप और बड़े होते हैं और राजनीतिक पार्टियां एक बार फिर आपको उकसाने की कोशिश करती हैं। लेकिन इस बार आप उनके बहकावे में नहीं आते। क्योंकि आपके सामने कानपुर जैसा ही एक उदाहरण होता है।
कानपुर में एक ऐसी जगह भी है जहां मंदिर और मस्जिद साथ-साथ हैं। यहां हिंदू भाई मस्जिद की साफ सफाई का ख्याल रखते हैं तो, मौलवी साहब खुद आरती के वक्त घंटा बजाने पहुंच जाते हैं। आप भी देखिए कि कैसे यह जगह धार्मिक सद्भाव का एक उदाहरण बनी हुई है।