दीपक ठाकुर:NOI।
भारत सरकार आतंकवादियों से निपटने के लिये कितनी गंभीर है इसका उदाहरण आए दिन हमको आतंकवादी अपनी घटना से दे देते हैं मगर ताज्जुब है हमारी भाजपा सरकार केंद्र के अलावा खुद काश्मीर में भी बैठी है मगर वहां के हालात सुधरने का नाम नही ले रहे आखिर क्यों सत्ता का सुख बड़ा या सैनिकों की जान आज ये एक बड़ा सवाल बन गया है भाजपा के लिए जिसका जवाब दे पाने में वो पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।
भाजपा जब सत्ता से बाहर थी तो बड़े बड़े दावा करती थी कि सत्ता में आने के बाद तस्वीर बदल जाएगी लेकिन हालात जिस तरह बद से बद्तत्तर होती जा रही है जम्मू काश्मीर में सन 2017 में 337 आतंकी घटनाएं 21015 में 108 और 2014 में 222 ऐसी आतंकी घटनाएं हुई है जो एक बड़ा प्रश्नचिन्ह भाजपा सरकार पर लगा रही है कि उसकी कथनी और करनी बिल्कुल भी मैच नही करती मतलब साफ है कि भाजपा सरकार भी सिर्फ और सिर्फ सत्ता की भूखी है कीमत चाहे जो चुकानी पड़े।
अभी हाल ही में 2 दिन में 6 जवान शहीद हो गए और हमने तीन आतंकी मारे ये बात खुद साबित करती है कि आपकी एक के बदले 10 सर लाने वाली बात कितनी हास्यात्पाद थी।लेकिन आप अभी भी अपनी नाकामी छिपाने का भरपूर प्रयास करते नज़र आते हैं।सरकार में बराबर के साझेदार है पर सेना पर ही एफआईआर करवाते हैं कमाल है भाई भाजपा सरकार का के ये कैसे देश भक्त हैं जो बोलते कुछ है और करते कुछ हैं।
हमारे प्रधानमंत्री भी इस मसले पर न्यूट्रल ही नज़र आते हैं क्या एक्शन लेंगे ये बताने से अच्छा वो विदेश भृमण पर निकल जाते हैं।भरोसा उठ रहा है देश के सैनिकों का सरकार से क्योंकि वो उसके भरोसे ही देश पर अपनी जान न्योछावर कर जाते हैं।बिलखता है परिवार उन सैनिकों का पर सरकार तो सिर्फ दो बोल संवेदनाओं के दे जाते हैं।
कहना यही है देश के वीर सपूतों का की शहादत पे राजनीति नही होनी चाहिए मुह तोड़ जवाब कैसे दिया जाए इसकी योजना पर काम करना चाहिए।देश की शान में जान देने वालो का हक़ नेताओ से भी ऊपर होना चाहिए।