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Tuesday, December 3, 2024

​किसान देंगे 9 जुलाई को सरकार को झटका, 45 हजार गांव रहेंगे बंद

अजमेर। किसानों के चुनावी वादों को पूरा नहीं करने के विरोध में किसान महापंचायत ने प्रदेश के 45 हजार गांव बंद का आह्वान किया है। इस दिन दूध, सब्जी व अनाज गांव से बाहर नहीं जाएंगे। किसान गांव में रहकर ही मंदसौर सहित सभी मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे। बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट करेंगे। किसानों को ऋ ण मुक्ति कृषि उपजों की लागत का डेढ़ गुना दाम निर्धारण करने व वर्ष भर खरीद की व्यवस्था की मांगों को लेकर महापंचायत ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन का बिगुल बजाया है।

महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने डाक बंगले में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसानों की खुशहाली बगैर आजादी अधूरी है। ऋ ण मुक्ति और पूरे दामों से ही किसानों को खुश रखा जा सकता है। किसानों की मांगों को लेकर वह पिछले तीन वर्ष में कई बार ज्ञापन, उपवास, धरना, गिरफ्तारी, जेल यात्रा, 100 दिन की ग्राम यात्रा की है। जन जागरण यात्राओं के माध्यम से निरंतर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। सरकार की गलत नीतियों के चलते ही आज किसान कर्जदार होने को मजबूर है।

किसान हुए कर्जदार

उन्होंने बताया कि राजस्थान के 23 लाख 32 हजार किसानों को वर्ष 2016-17 में 13.5 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया। संसद में जानकारी अनुसार 70 हजार 500 रुपए प्रति किसान परिवार के अनुसार 40 लाख 5 हजार 500 किसान परिवारों पर ऋण बकाया है। किसानों की भूमि बैंकों में गिरवी है। उपज से कम मूल्य मिलने से कर्जा बढ़ रहा है।

जोला समिति 1985 तथा किसान कार्य बल 2000 की रिपोर्ट मंें सरकारों की गलत नीतियां कर्ज का कारण बताया है। सरकार को किसानों के ऋणों का भार उठाना चाहिए। अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक राज्यों में किसान हित संबंधी कदम उठाए हैं। राजस्थान को आगे आने की जरूरत है। जाट ने कहा कि मुख्मंत्री कहती है उनकी कथनी व करनी में फर्क नहीं है तो वह एेसा करके भी दिखाए। स्वामीनाथन आयोग सहित अन्य आयोगों की रिपोर्ट की पालना ही किसानों की खुशहाली के लिए काफी है।

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