शरद मिश्रा”शरद”
निघासन खीरी:NOI- शासन प्रशासन द्वारा जो आदेश होते है तो बिल्कुल किसी धनुष से निकले तीर से कम नही होते उनका पालन ऐसे होता है कि मानो सरकार के साथ अधिकारी गण भी अपना काम बखूबी निभा रहे हो मगर जब सरकार के द्वारा कराए गए कार्यों पर नजर डाली जाए तो कुछ ऐसे अधिकारियों की पोल खुलती है जो सिर्फ दिखावे के रूप में सरकार के आदेशों का पालन कर सरकार की छवि को धूमिल करते है।
इन दिनों ठंड का दौर है जिससे भारी ठंड के चलते लोग अपने अपने घरों में सहमे रहते है मगर एक नजर उन पर भी डाली जाए जिनके पास घर नही न ही ओढ़ने के लिए गर्म कम्बल ऐसे हालात में वो रहे तो रहे कहा जब इस चीज पर नजर डाली जाती है तो जरूर लोगों के मन मे प्रशासन द्वारा गर्म कम्बल व रैन बसेरे की बात दिमाग मे आती है कि सरकार द्वारा गरीब लोगों को गर्म कम्बल वितरित किये जायेंगे व भारी ठंड में गरीब असहाय लोगों के लिए रैन बसेरे का भी इंतजाम किया जाएगा मगर जब गरीब असहाय लोग सहारे के साथ रैन बसेरा पहुंचते है तो वहाँ का नजारा देख अपनी गरीबी को कोसते हुए उस रैन बसेरे में रात न काटकर बाहर कही जमीन पर सोना मुनासिम समझते है।
जी हाँ एक ऐसा ही मामला जनपद लखीमपुर खीरी की तहसील निघासन का संज्ञान में आया है जहाँ उच्चाधिकारियों के आदेश पर भारी ठंड के चलते रैन बसेरा तो बना दिया गया मगर रैन बसेरे के अंदर जाकर देखा जाए तो वो रैन बसेरा किसी जानवर के तबेले से कम नही न तो रैन बसेरे के अंदर बिजली की व्यवस्था न ही लेटने के लिए बिस्तर और अंदर की टूटी खिड़कियों से सरसराती हवा भी आती है अंदर अगर देखा जाए तो निघासन तहसील में स्थित यह रैन बसेरा किसी जानवर के तबेले से कम नही हाँ निघासन तहसील प्रशासन द्वारा रैनबसेरे के बाहर बेनर पर बड़े बड़े शब्दों में जरूर लिखा है कि रैन बसेरा तहसील निघासन और जब रैनबसेरे के अंदर पहुँचों तो हकीकत कुछ और ही होती है।
ज्ञात हो कि इसी रैनबसेरे की ऊपर बिल्डिंग में तहसील के नायब तहसीलदार का कमरा है जो इसी रैनबसेरे से होकर प्रतिदिन गुजरते है मगर जानवरों के तबेले के समान यह रैनबसेरा नायब तहसीलदार को नही दिखता जिससे नायब तहसीलदार की भी घोर लापरवाही सामने दिखती है।
फिलहाल भारी ठंड के चलते तहसील प्रशासन की लापरवाही के चलते निघासन में रैनबसेरा में ठीक व्यवस्था न होने से गरीब असहाय लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।