शरद मिश्रा”शरद”/श्यामू कश्यप
सिंगाही खीरी:NOI- समाज में भले ही शिक्षक को भगवान के बराबर का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ कलयुगी गुरु अपने कर्तव्य को भूल कर मौज मस्ती करने में मग्न रहते है।यहां तक आलम याह है कि कुछ शिक्षक समय से स्कूल नही पहुचतें स्कूल का ताला रसोईया खोलती है। कुल मिलाकर गरीबों के बच्चों को प्रारंभिक ज्ञान देकर उनको ककहरा शिखाने वाले कुछ अध्यापक मोटा वेतन लेकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। ब्लाक पर बैठे अधिकारी फर्जी आकडे बटोर कर उत्तम शिक्षा व्यवस्था देने का दम भर रहे है। हम कह सकते है कि अगर स्कूलों में कार्यरत कुछ अध्यापकों की बिगडी कार्यप्रणाली पर अंकुश नही लगाया गया तो बच्चों का भविष्य सवरने के बजाय बिगड जायेगा।
बताते चलें कि विकास खण्ड निघासन की ग्राम पंचायत सिंगहा खुर्द के प्रा0विद्यालय में इन दिनों शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गयी है। स्कूल के प्रधान अध्यापक समय से स्कूल नही पहुचते है अकसर विद्यालय से गायब रहने की कारण शिक्षा व्यवस्था पंगु बनकर रह गयी है। प्रारंभिक शिक्षा के प्रति अध्यापकों की लापरवाही नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है अध्यापक सही तरह से अपनी जिम्मेदारी का निरवाह नही करते जिसका नतीजा यह है की शिक्षा पटरी से उतरी हुई है शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने वाले जिम्मेंदार आला अधिकारी भी कोई ठोस कदम उठाना नही चहते
कुछ लापरवाह अध्यापक परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा को ग्रहण लगा रहे है आध्यापक अपने मूल कर्तव्य को भूल कर मौज मस्ती कर रहे है जब चाहे तब आए जब चाहे चले जाये ।