केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि देश में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने की नीति जल्दी ही आएगी। नीति का मकसद देश में वाहनों के बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाना है।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘हमने नीति आयोग के साथ मिलकर वाहनों के लिए कबाड़ नीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।’ मंत्री ने कहा कि 15 साल या उससे अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में बदला जाएगा। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया।
कबाड़ का होगा उपयोग
गडकरी ने कहा कि भारत वाहन उद्योग के लिए केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और कीमतें कम होनी तय है क्योंकि कबाड़ का उपयोग वाहनों के कल-पुर्जों समेत अन्य के निर्माण में उपयोग किया जा सकता है।
कच्चा माल सस्ता होगा
पोत परिवहन, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा, ‘वाहनों के लिए कच्चा माल सस्ता होगा- कबाड़ से उत्पन्न प्लास्टिक रबड़, अल्यूमीनियम और तांबा का उपयोग कल-पुजे तथा अन्य चीजों के विनिर्माण में किया जाएगा।’
वी-वीएमपी नोट भेजा गया
इससे पहले, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को स्वयं से कबाड़ में तब्दील करने और उसकी जगह दूसरा वाहन लेने को लेकर स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) पर अवधारणा नोट सचिवों की समिति को भेजा था।
वैकिल्पिक ईंधन के उपयोग की जरूरत
गडकरी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, कच्चे तेल की आयात पर निर्भरता कम करने, प्रदूषण रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए एथेनाल, मिथेनाल, बायो डीजल और बिजली जैसे ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के बड़े पैमाने पर उपयोग की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘देश में इस समय सात लाख करोड़ रुपए मूल्य का कच्चा तेल आयात होता है। इससे एक तरफ देश का पैसा बाहर जाता है वहीं प्रदूषण भी फैलता है।’
इलेक्ट्रिक वाहन बनाने कई विनिर्माता आगे आए
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में अब काफी संख्या में विनिर्माता आ रहे हैं। लोग चार्जिंग स्टेशन को लेकर सवाल उठाते थे, अब उस पर भी तेजी से काम हो रहा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, बड़े पैमाने पर काम होने से जिस प्रकार सौर और पवन ऊर्जा में दरें 2.50 रुपए, 2.44 रुपए तक आ गई है, इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में भी यही होने वाला है।
पेट्रोल से बिजली सस्ती
सस्ती और बेहतर सार्वजनिक परिवहन पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा, आज जहां पेट्रोल 80 रुपए और डीजल 60 रुपए है। वही बिजली 8 से 10 रुपए प्रति यूनिट है। एथेनाल 47 रुपए लीटर और मेथेनाल 22 रुपए लीटर है। उन्होंने कहा, एथेनाल शिरा से बनता है। उत्तर प्रदेश में इतनी चीनी फैक्टरी हैं कि वहां सभी बसें एथेनाल से चलाई जा सकती हैं।
बिजली चालित होगी आयोग की गाड़ियां
इससे पहले, नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा, अगले चार महीने के अंदर आयोग की सभी गाड़ियां बिजली चालित होंगी। उन्होंने हालांकि कहा कि पेट्रोल और डीजल (कंबस्टन) से चलने वाले वाहनों का औद्योगिक उत्पादन में 48 प्रतिशत तथा जीडीपी में 7.2 प्रतिशत योगदान है।