भोपाल। प्रदेश सरकार अब 70 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक से बारहवीं उत्तीर्ण एमपी बोर्ड के विद्यार्थियों की आगे की पढ़ाई की पूरी फीस भरेगी। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत अभी यह सीमा 75 प्रतिशत अंक की है। चुनावी साल में सरकार अब इसमें 5 प्रतिशत की कमी करने जा रही है। हालांकि, सीबीएसई के लिए यह 85 प्रतिशत ही रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव आएगा।
उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीएम ने पूर्व में इसकी घोषणा की थी। इसके लिए चार साल में करीब 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जेईई की कॉमन रैंक में डेढ़ लाख तक की रैंकिंग वाले विद्यार्थियों को भी येाजना का लाभ दिया जाएगा। अभी यह सीमा 50 हजार है। कॉमन लॉ एडमिशन, क्लेट और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
आंबेडकर संस्थान की भर्ती में साक्षात्कार नहीं
उच्च शिक्षा विभाग के तहत डॉ. बीआर आंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान महू में शैक्षणिक पदों की भर्ती में साक्षात्कार से छूट दी जाएगी। इसके लिए सरकार मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा, महाविद्यालयीन शाखा, भर्ती नियम 1990 में संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, फिलहाल 2018 के लिए इन भर्तियों में साक्षात्कार नहीं होंगे। केवल लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होगा।
आंबेडकर संस्थान की भर्ती में साक्षात्कार नहीं
उच्च शिक्षा विभाग के तहत डॉ. बीआर आंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान महू में शैक्षणिक पदों की भर्ती में साक्षात्कार से छूट दी जाएगी। इसके लिए सरकार मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा, महाविद्यालयीन शाखा, भर्ती नियम 1990 में संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, फिलहाल 2018 के लिए इन भर्तियों में साक्षात्कार नहीं होंगे। केवल लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होगा।
भाजपा विधायक ने की आरक्षण पुनर्विचार की मांग
खातेगांव के भाजपा विधायक अशाीष शर्मा ने भी देश में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में पुनर्विचार की बात उठाई है। पत्रिका से चर्चा में कहा, आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था पुरानी हो चुकी है। इसका कुछ लगातार लाभ लेते रहे और कुछ पात्र होकर भी वंचित रह गए। इस व्यवस्था पर विचार हो। आर्थिक आधार पर आरक्षण उनका व्यक्तिगत मत है।