लखनऊ, दीपक ठाकूर। अखिलेश यादव ने कांग्रेस का साथ लेकर चुनावी अभियान की शुरुआत तो कर दी है पर ये साथ ना पापा को पसंद आ रहा है ना चाचा को मुलायम सिंह ने तो खुल कर बोल दिया है कि जिस पार्टी के खिलाफ प्रदेश में हमेशा चुनावी जंग हुई है उसका साथ करना सही नहीं है इसी लिए वो पार्टी के लिए वोट नहीं मांगेंगे उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया की हमारे लोग कांग्रेस के खिलाफ मैदान में भी उतरेंगे भले निर्दलीय उतरें उनको उनका समर्थन मिलेगा।
वहीँ शिवपाल यादव ने भी एलान कर दिया है कि जो सपा छोड़ कर गए हैं वो उनका समर्थन करेंगे।
अब यहाँ सवाल ये उठता है कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव की अखिलेश से नाराजगी ख़त्म नहीं हुई है जो गठबंधन की आड़ में सामने आ रही है या वाकई कांग्रेस का साथ इन दोनों को पसंद नहीं आ रहा।
पर समाजवादी पार्टी कांग्रेस से इतना परहेज तो कभी नहीं करती थी मौके पे मुलायम सिंह ने कई बार कांग्रेस का साथ दिया भी है ।लगता तो यही है कि बात कुछ और ही है। पुत्र का मोह मुलायम सिंह को बहुत है यही वजह है कि विरोध सिर्फ 105 सीटों पर करने की बात हो रही है जो कांग्रेस को मिली है।
लगता तो यही है कि अभी और जोड़ तोड़ होना बाकी है यू पी की इस राजनीति में।